यह धमकी दिलजीत दोसांझ द्वारा अमिताभ बच्चन के पैर छूने के बाद दी गई है। सिख्स फॉर जस्टिस का कहना है कि अमिताभ का पैर छूकर दिलजीत ने '1984 सिख नरसंहार के हर पीड़ित, हर विधवा और हर अनाथ का अपमान किया है।' 
	 
	आतंकी संगठन के मुताबिक, अमिताभ बच्चन वो बॉलीवुड एक्टर हैं, जिन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को 'खून का बदला खून के नारे के साथ हिंदुस्तानी भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद हिंसक दस्तों ने नरसंहार किया। इस नरसंहार में 30,000 से ज्यादा सिख लोग मारे गए थे। ऐसे में दिलजीत दोसांझ द्वारा अमिताभ बच्चन के पैर छुने के बाद यह गैंग भड़क उठा है।
	सिख फॉर जस्टिस द्वारा साझा किए गए एक बयान में आरोप लगाया गया है कि बच्चन ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के दंगों के दौरान हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई थी। यह अज्ञानता नहीं, विश्वासघात है। जिन सिखों को जिंदा जला दिया गया, जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, जिन बच्चों का कत्ल किया गया, उनकी राख अभी ठंडी नहीं हुई है। कोई भी विवेकशील सिख 1 नवंबर, स्मृति दिवस पर कोई भी प्रदर्शन या उत्सव नहीं मना सकता।