इस घटना के बाद कंगना का कहना है कि, मैं अपने बेडरूम में थी और रात लगभग 11.30 बजे मुझे पटाखों जैसी अवाज सुनाई दी। पहले मुझे लगा कि किसी ने पटाखा चलाया है लेकिन जब दूसरी बार अवाज आई तो मैं सचेत हो गई क्योंकि यह गोली चलने की आवाज थी।
उन्होंने कहा, इस समय मनाली में टूरिस्ट भी नहीं आते हैं तो पटाखा भी नहीं चलाएगा। इसलिए मैंने तुरंत सिक्यॉरिटी को बुलाया। मैंने जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि हो सकता है कि कुछ बच्चे हों। हो सकता है मेरी सिक्योरिटी के आदमी ने कभी गोली चलने की आवाज ही नहीं सुनी हो। हालांकि बाहर कोई नहीं था। हम घर पर 5 लोग हैं। इसके बाद हमने पुलिस को बुला लिया।