बीएमसी के साथ मिलकर मुंबई में पेड़ लगाएंगी हेमा मालिनी, वृक्ष अभियान किया लॉन्च
शनिवार, 29 मई 2021 (17:40 IST)
हाल ही में आए ताउते तूफान ने मुंबई के पर्यावरण को काफी क्षति पहुंचाई। इस तूफान के चलते पूरे शहर में 2363 पेड़ ज़मींदोज हो गए थे तो वहीं बड़ी संख्या में पेड़ों की टहनियां भी टूट कर गिर गईं। एक सर्वे से पता चला कि गिरनेवाले 70 फीसदी पेड़ नॉन नेटिव यानि वहां के मूल प्रजाति के पेड़ नहीं थे।
बीएमसी ने कृषि संबंधी स्थानीय मौसम, मिट्टी के मिजाज, उमस आदि का अध्ययन करते हुए 41 नेटिव यानि मूल प्रजाति के पेड़ों की ऐसी सूची तैयार की है जिन्हें मुंबई में लगाया जा सकता है। विश्व पर्यावरण दिवस से कुछ दिन पहले बीएमसी से जुड़े के वेस्ट वॉर्ड के असिस्टेंट कमिश्नर विश्चास मोटे ने मेक अर्थ ग्रीन अगेन (MEGA) फाउंडेशन के साथ मिलकर 'बी अ ट्री पैरेंट - अडॉप्ट अ प्लांट' नामक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत के वेस्ट वॉर्ड में स्थित इमारतों की सोसायटियों और रहवासियों को हाल ही में गिरे 348 पेड़ों में से एक को गोद लेने की आग्रह किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीएमसी के गार्डन विभाग से सलाह-मशविरा करके इन्हें फिर से रोपित किया जा रहा है। इस अभियान का मकसद लोगों को पेड़ों की विभिन्न तरह की मूल प्रजातियों, उनके खिलने के मौसम, उनके बढ़ने के तरीकों और मुंबई में ग्रीन कवर को बढ़ाने से संबंधित उनकी जिम्मेदारियों के बारे में अवगत कराना भी है।
मेक अर्थ ग्रीन अगेन फाउंडेशन की संस्थापक अनुषा श्रीनिवासन अय्यर कहती हैं, इन पेड़ों को बीएमसी के गार्डन विभाग के सहयोग से लगाया जा रहा है जिनमें ताम्हण, जामुन और बादाम जैसे फूलों वाले पेड़ों का भी शुमार है। पानी का स्तर अधिक होने की वजह से पेड़ों के जड़ों को पानी की तलाश में अधिक नीचे तक नहीं जाना पड़ता है। इसके मद्देनजर हमारा मानना है कि ऐसे में उन पेड़ों को लगाया जाना चाहिए जो 30 फुट से अधिक ऊंचाई तक न बढ़े।
हम स्थानीय लोगों से पेड़ों के अभिभावक बनने की गुजारिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें किसी भी तरह की मदद चाहिए होगी तो हम उनका मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हैं। विश्वास मोटे जी हमेशा से ही पर्यावरण से संबंधित परियोजनाओं में मदद के लिए तत्पर रहते हैं। हमें इस बात की खुशी है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए अब हम आम लोगों को भी शामिल कर रहे हैं. हमारा भविष्य पर्यावरण के अस्तित्व से ही तो जुड़ा है।
इस अभियान की शुरुआत हेमा मालिनी की मौजूदगी में हुई। बीएमसी के कर्मियों की मदद से हेमा मालिनी ने उसी जगह पर ताम्हण (जरूल) का पौधा लगाया जहां पहले 45 फुट का एक विशालकाय पेड़ हुआ करता था। इस मौके पर स्थानीय नगर सेवक रेणु हंसराज, बीएमसी के सहायक आयुक्त विश्वास मोटे समेत कई लोग मौजूद थे। इस मौके पर मौजूद रहकर अभियान के लिए अभिनेत्री और हेमा मालिनी की बेटी ईशा देओल ने भी अपना समर्थन दिया।
इस अभियान को लॉन्च करते समय हेमा मालिनी ने कहा, हम सभी को पर्यावरण का संरक्षण और संवर्द्धन करने की कोशिश करती रहनी चाहिए। हमारी ज़िंदगियां मातृ भूमि के साथ जुड़ी हुईं हैं और ये हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम उसे बचाएं। किसी पेड़ को बचाना उसी दिशा में उठाया गया एक अच्छा कदम है।