बता दें कि जूही चावला की याचिका में दावा किया गया था कि 5G वायरलेस तकनीक योजनाओं से इंसानों, पशु पक्षियों और वातावरण को नुकसान पहुंचने का खतरा है। हालांकि कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया है और उन पर जुर्माना लगाया जाता है।
कोर्ट का कहना था कि इस मुकदमें को सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर किया गया था। दरअसल जूही चावला ने सुनवाई का लिंक भी सोशल मीडिया पर साझा किया था। जूही की याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इनकी याचिका में सिर्फ कुछ ही ऐसी जानकारी है जो सही है बाकी सिर्फ कयास लगाए गए हैं और संशय जाहिर किया गया है।