बचपन में इस हादसे ने छीन लिया था इरफान खान का कॉन्फिडेंस

WD Entertainment Desk
रविवार, 7 जनवरी 2024 (12:18 IST)
irrfan khan birth anniversary : बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का 29 अप्रैल 2020 को निधन हो गया था। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर छा गई थी। इरफान खान भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन फैंस आज भी उन्हें याद कर इमोशनल हो जाते हैं। 7 जनवरी को इरफान खान की बर्थ एनिवर्सरी है। इरफान खान ने अपने करियर में कई सुपहिट फिल्में दी थी। 
 
इरफान खान ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष भी किया। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बचपन में हुए एक हादसे के बारे में बताया था जिसके कारण उनका सारा कॉन्फिडेंस चकनाचूर हो गया था। इरफान ने कहा था कि मेरी लाइफ बहुत बोरिंग रही है। बचपन में तो मैं कुछ चीजों में खुद को व्यस्त रखता था मगर इसके बाद जब मैं बड़ा हुआ तो मेरे पास ऑप्शन कम बचे। 

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उन्होंने कहा था, मैं चीजों से बहुत ज्यादा बोर हो जाता था। फिर मुझे एक्टिंग का सहारा मिला। मेरे अंदर बहुत गुस्सा था। बहुत चिढ़ थी। इन सब से मुझे खुद को बाहर निकालना था। मुझे इस दुनिया को बताना था कि मैं भी कुछ हूं। एक्टिंग करने से चीजें आसान होती चली गईं।
 
जब इरफान से पूछा गया कि उनके जीवन का सबसे बड़ा फेलियर क्या था, तो उन्होंने बचपन के एक किस्से का जिक्र किया। उन्होंने इसे फेलियर की जगह जीवन का दर्दनाक हादसा बताया था। उन्होंने बताया था कि जब मैं 7 साल का था तब मुझे पतंग उड़ाना अच्छा लगता था। वैसे तो हम जमींदार थे मगर इसके बावजूद भी हम किराए के मकान में रहा करते थे। मकान की छत पर दीवार का प्रोटेक्शन नहीं था बस छोटी फिट की रेलिंग थी जो बहुत छोटी थी।
 
शाम के वक्त मैं छत पर था और बिजली के तार से लटके पतंग के मांझे को पकड़ने की कोशिश कर रहा था। मैं छत पर से गिर पड़ा। इस दौरान मेरी कलाई और कोहनी टूट गई। मुझे इस चोट से पूरी तरह से उबरने के लिए 2 साल का वक्त लगा। मेरे पिता हंटर थे और अधिकतर समय बाहर रहा करते थे। मैं कुछ ज्यादा नहीं कर सकता था। मुझे रात में सपने आते थे कि मैं कब फिर से पूरी तरह से ठीक हो जाऊंगा। एक समय ऐसा आ गया था कि मैं अपना हाथ सीधा करता था और मुझे ये पता नहीं रहता था कि वो किस ओर गिरेगा।
 
इरफान ने कहा था, पूरा स्कूल मेरा मजाक उड़ाता था। मैं ऐसे ही बहुत शर्मीला था इस हादसे के बाद तो मैं खुद में और भी दबता चला गया। मेरा पूरा कॉन्फिडेंस चकनाचूर हो गया। इसी दौरान मैंने ये जाना कि मैं जैसा हूं लोग मुझे वैसा नहीं समझ रहे हैं। फिर एक्टिंग वह माध्यम था जिसकी वजह से मैं खुद को जमाने के सामने जाहिर कर पाया।

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