दरअसल, पूर्वी सिंहभूम जिले के किसानों ने अपने टमाटर का नाम करिश्मा और करीना रखा है। जहां करिश्मा टमाटर थोड़ा हरा होता है, लेकिन करीना बिल्कुल लाल। जैसे ही यह टमाटर जमशेदपुर के बाजारों में पहुंचते हैं तो वह हाथों-हाथों बिक जाते हैं।
किसानों का कहना है कि जमशेदपुर के अलावा बिहार, बंगाल और ओडिशा के बाजारों में भी करिश्मा-करीना टमाटर का काफी डिमांड है। जमशेदपुर जिले के पटमदा गांव के किसान सपन बास्के का कहना है कि टमाटर को अलग पहचान दिलाने के लिए यह अनोखा अपनाया है। लेकिन हमने सोचा नहीं था कि करिश्मा-करीना का नाम हमारी इस तरह किस्मत पलट देगा।
उन्होंने कहा, जो टमाटर बाजार में 10 से 12 किलो बिक रहा, वहीं यह टमाटर 20 से 25 रुपए लाइन में लगकर बिक रहे हैं। किसानों का कहना है कि कोरोना काल में जमीन गिरवी रखकर खेती की है। अब इस अनोखा तरीका अपनाकर 50 से 60 हजार तक की कमाई कर ले रहे हैं। किसानों का कहना है कि करीना नाम का टमाटर 4 से 5 दिन तक बिना सड़े-गले रखा जा सकता है।