कंगना की ओर से उनका पक्ष वरिष्ठ एडवोकेट बीरेन्द्र सराफ ने रखा। सराफ ने कहा कि संजय राउत ने कंगना के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें 'हरामखोर' कहते हुए सबक सिखाने की बात कही थी। इस पर जस्टिस कथावाला ने क्लिप सुनवाने की बात कही और फिर बयान की ऑडियो क्लिप प्ले हुई। वहीं संजय राउत के वकील प्रदीप थोरात ने अपने क्लाइंट की ओर से कहा कि संजय ने बयान में कंगना का नाम नहीं लिया था।
इस पर बेंच ने कहा, क्या आप ये कह रहे हैं कि आपके क्लाइंट ने उन्हें 'हरामखोर' लड़की नहीं कहा है? क्या हम ये बयान दर्ज कर सकते हैं कि राउत ने याचिकाकर्ता को हरामखोर नहीं कहा है। इसके जवाब में राउत के वकील ने कहा कि हम इस पर कल एक हलफनामा दायर करेंगे।
बता दें कि इस केस में बीएमसी को कोर्ट में यह बताना होगा कि उन्होंने जितनी तेजी से कंगना के दफ्तर पर कथित अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की, क्या बाकी मामलों में भी उतनी ही तेजी से एक्शन लिया है। कंगना ने बीएमसी से अपने ऑफिस की तोड़फोड़ के एवज में 2 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश पर संजय राउत को इस केस में मुख्य आरोपी बनाया गया है।