उन्होंने कहा मैंने सोचा था कि मैं अपने टाइप की फिल्में करूंगा, लेकिन जब उन फिल्मों का हश्र देखा तो यह अच्छी तरह समझ गया कि जो बाजार में चलता है, वही करना चाहिए, इतना ज्यादा गहराई में जाने की कोई जरूरत नहीं है। यह बात अलग है कि मुझमें एक आदत जरूर है अपनी तरह की फिल्मों में काम करने की।
नवाजुद्दीन ने कहा कि मुझे दर्शकों से बहुत सारी शिकायत है, दर्शक कभी नहीं सुधर सकते, मैं दर्शकों से किसी भी तरह की कोई उम्मीद नहीं रखता हूं, दर्शकों के लिए उनकी तरह कि ही फिल्म होनी चाहिए, जिसमें 4 से 5 गाने हो, कितना भी वल्गर ह्यूमर हो, एक इमोशनल सीन हो, जिसमें दर्शकों को रोना आ जाए, यही देना चाहिए दर्शकों को।
लोगों को एक ही तरह के रोमांस को देखने की आदत है, उन्हें फोटोग्राफ जैसी फिल्म देखने की आदत नहीं है। आज टिकटॉक के जमाने में लोगों के अंदर इत्मीनान से बैठकर फिल्म देखने की आदत नहीं है। मुझे लगता है ऑडियंस कभी भी नहीं सुधर सकती है, इस मामले में बॉलीवुड बहुत समझदार है, दर्शकों को वही फिल्में देता है, जो उन्हें चाहिए।