पाकिस्तानी सिनेमाघरों की हालत खराब है। पाकिस्तानी फिल्मों को वहां के दर्शक देखना पसंद नहीं करते हैं और हिंदी फिल्म उनकी पहली पसंद रहती है। पाकिस्तानी सिनेमाघर मालिकों और दर्शकों की उम्मीद उस समय चकनाचूर हो गई जब 'ऐ दिल है मुश्किल' और 'शिवाय' वहां प्रदर्शित नहीं करने का निर्णय लिया गया। वे इन फिल्मों से शानदार बिजनेस की उम्मीद लगाए बैठे थे।