मैं खुद सिनेमाघर बना रहा हूं जहां टिकटों का भाव कम होगा

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अजय देवगन ने अपने लंबे करियर में हर तरह की फिल्में की हैं। वक़्त के साथ-साथ उनका स्टारडम, एक्टिंग, डिमांड और फिल्में बढ़ती ही जा रही हैं। उन्होंने अपने नियम और शर्तों पर इंडस्ट्री में काम किया और वे सफल भी रहे। ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन दोनों ही रोल वे बहुत अच्छी तरह से निभा रहे हैं। 
 
अजय की फिल्मोग्राफी में एक्शन, कॉमेडी, रोमांस और ड्रामा सभी कुछ होता है। इतने वर्षों में उनकी इस उपलब्धि के बारे में अजय ने कहा जो भी मैं कर रहा हूं अपने नियमों और शर्तों पर कर रहा हूं और यही मैं करना चाहता था। 
 
फिल्म के बारे में अजय का कहना है सब कुछ मुश्किल है। लोगों को हंसाना उतना ही मुश्किल है जितना उन्हें आपका बनाना। तो यह आसान नहीं है। एक एक्टर के तौर पर आप कभी एक ही ज़ोनर के बारे में नहीं सोच सकते। 
 
अजय देवगन अब फिल्म 'रेड' में आ रहे हैं। इस फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। रेड में अजय उत्तर प्रदेश के एक इनकम टैक्स ऑफिसर बने हैं। अजय को पूरा भरोसा है कि फिल्म से लोगों को उन लोगों के बारे में समझ आएगा जो आयकर विभाग में हैं। आयकर विभाग के लोग बहुत शांत होते हैं और उनके बारे में कोई भी नहीं जानता। इस तरह के अधिकारी अपने काम करते रहते हैं और हम दूसरे लोगों की बाते करते हैं। 
 
उन्होंने यह भी बताया कि दर्शकों को समझ आएगा छापे के पहले और दौरान क्या होता है। जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि किस तरह छापे की तैयारी की जाती है। सभी को लगता है कि इन्कम टैक्स के छापे बहुत आसान होते है लेकिन यह आसान नहीं होते। 
 
कुछ समय पहले ही खबर आई थी कि अजय देवगन ने उत्तरप्रदेश के चार सिनेमाघरों को खरीद लिया है। अजय का कहना है कि मैं चाहता हूं कि टिकट की कीमतें रिज़नेबल हों। लेकिन वो मेरे हाथ में नहीं है। मुझे लगता है कि हम कीमतों को कम करने का एक रास्ता खोज सकते हैं। 
 
मैं खुद सिनेमाघरों को बना रहा हूं जहां टिकटों का भाव कम होगा। वे हालांकि मल्टीप्लेक्स नहीं बल्कि एक मिनीप्लेक्स होगा। 1,000 रुपए की जगह आपके 800 रुपए ही खर्च होंगे। 

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