अब इस पर सतीश कौशिक ने अपना रिएक्शन दिया है। सतीश कौशिक ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि क्यों उन्होंने नीना को उस वक्त शादी के लिए ऑफर दिया था। उन्होंने कहा, हम लोग 1975 से दोस्त हैं, और तब से अब तक हमारी दोस्ती मज़बूत है। हम एक दूसरे को नैंसी और कौशिकन बुलाते हैं। मैं उनके परिवार को भी जानता हूं।
सतीश ने कहा, हम दोनों करोल बाग में आसपास ही रहते थे, दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी साथ थे और थिएटर में भी एक्टिव थे। नीना जब मेरे कॉलेज आई थी तो हंगामा मच जाता था, वो जिस तरह खुद को रखती थी और बातें करती थी उससे हर कोई इंप्रेस हो जाता था। मेरे कुछ साल बाद उन्होंने भी एनएसडी ज्वॉइन कर लिया।
अपनी-अपनी जर्नी में हम बिजी हो गए, लेकिन जब भी हम मिलते थे पुरानी यादें ताज़ा हो जाती थीं। जिस तरह नैंसी ने अपनी ज़िंदगी की मुश्किलों का सामना किया है मैं इसके लिए हमेशा उनकी सराहना करता हूं, उन्होंने बहुत बहादुरी से अपने जीवन की चुनौतियों का सामना किया है, खासकर तब जब वो मसाबा के वक्त प्रेग्नेंट थीं।
उन्होंने कहा, मैं उनकी इस बात के लिए सराहना करता हूं कि एक लड़की ने शादी के बगैर बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। उस वक्त एक सच्चे दोस्त की तरह मैं बस उनके साथ खड़ा रहा और उन्हें भरोसा दिया। मैं उन्हें लेकर बहुत चिंतित था और उन्हें अकेला महसूस नहीं होने देना चाहता था। इसलिए तो दोस्त होते हैं ना? जैसा कि किताब में लिखा है कि मैंने उसे शादी के लिए प्रपोज़ किया, तब बहुत मिक्स फीलिंग थी। वो मज़ाक भी था, फिर्क भी थी, सम्मान भी था और उनका समर्थन भी। मैंने अपनी बेस्ट फ्रेंड को उस वक्त सपोर्ट किया जब उसे जरूरत थी।
सतीश ने कहा, मैंने उससे कहा, मैं हूं ना तू चिंता क्यों करती है? ये सुनकर वो मुड़ी और मुझे देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उस दिन से हमारी दोस्ती और मजबूत हो गई। मुझे उस पर गर्व है कि वो एक अभिनेत्री के तौर पर बहुत अच्छा काम कर रही है और उसने बहुत अच्छे आदमी से शादी की है।