जस्टिस निखिल एस करिएल की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि शाहरुख खान की तरफ से किए गए कार्यों को लापरवाही या उतावलापन नहीं कहा जा सकता है। जिसके बाद उन्होंने शाहरुख की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें वडोदरा अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की गई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि शाहरुख खान की तरफ से जो भी किया गया, उसे वडोदरा रेलवे स्टेशन पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का सटीक कारण नहीं माना जा सकता। इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया था कि शाहरुख खान अपनी फिल्म रईस के प्रमोशन के लिए मुंबई से दिल्ली ट्रेन से यात्रा कर रहे थे।
जैसे ही ट्रेन वरोदरा रेलवे स्टेशन पर रुकी, शाहरुख खान को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। इस दौरान सुपरस्टार ने भीड़ पर स्माइली गेंदे और टी-शर्ट फेंके, जिसके बाद हाथापाई शुरू हो गई। इस दौरान भगदड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। इस भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, साथ ही कई अन्य घायल भी हुए थे।