बैंडिट क्वीन को ‍बिना सहमति से बुचरिंग एडिट करने पर शेखर कपूर ने उठाए सवाल

WD Entertainment Desk

गुरुवार, 20 मार्च 2025 (12:44 IST)
1994 में रिलीज फिल्म 'बैंडिट क्वीन' ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर दस्तक दी है। इस फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था। इस फिल्म को  ओटीटी पर देखने के बाद शेखर कपूर ने नाराजगी जताई है। शेखर कपूर ने ओटीटी प्लेटफॉर्म द्वारा फिल्म बैंडिट क्वीन को उनकी सहमति के बिना 'बुचरिंग एडिट' करने पर सवाल उठाए हैं। 
 
शेखर कपूर को फिल्म निर्माताओं सुधीर मिश्रा, हंसल मेहता, कुणाल कोहली का समर्थन मिला, क्योंकि उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म द्वारा उनकी फिल्म बैंडिट क्वीन को 'बुचरिंग' और एडिटिंग करने पर सवाल उठाए। शेखर कपूर ने सवाल उठाया कि 'क्या हम पश्चिमी निर्देशकों से कमतर हैं?' क्योंकि उन्होंने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को उनकी फिल्म बैंडिट क्वीन को 'पहचान से परे' 'काटने' के लिए दोषी ठहराया!
 
पद्म भूषण से सम्मानित शेखर कपूर ने अपने सोशल मीडिया पर अपने साथी फिल्मकारों से एक सवाल उठाया, और उनकी चिंता को गंभीरता से लिया गया। शेखर कपूर ने बताया कि उनकी फिल्म को पूरी तरह से पहचान से परे संपादित कर दिया गया था, फिर भी उस पर उनका नाम निर्देशक के रूप में था। 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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सोशल मीडिया पर, शेखर ने सवाल उठाया कि क्या 'क्रिस्टोफर नोलन' की फिल्म के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा और पूछा कि क्या भारतीय फिल्म निर्माता पश्चिमी निर्देशकों की तुलना में 'कमतर' हैं।
 
फिल्म की एडिटिंग के दौरान एक निर्देशक और संपादक के जो 'दुःख' होते हैं, उसे याद करते हुए शेखर ने अपनी निराशा व्यक्त की कि उनकी फिल्म को OTT रिलीज के लिए 'लापरवाही से काट' दिया गया।
 
शेखर की भावनाओं को उनके समकालीन फिल्मकारों, जैसे सुधीर मिश्रा, हंसल मेहता और कुणाल कोहली ने भी साझा किया, क्योंकि उन्होंने भी इसी तरह की राय व्यक्त की और शेखर के विचार को दोहराया कि 'अब वक्त है कि निर्देशक अपने काम के रचनात्मक अधिकारों के लिए लड़ें।' यह वास्तव में एक विचारणीय विषय है।
 

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