मिथुन ने कहा, मैं कभी नहीं चाहता कि कोई भी मेरे जीवन से गुजरे, हर किसी ने स्ट्रगल देखा है और कठिन दिनों में किया है। लेकिन मुझे हमेशा मेरी त्वचा के रंग की वजह से अपमानित करने की कोशिश की गई है। मेरी त्वचा के कारण कई सालों तक मुझे अपमान किया गया, मैंने ऐसे दिन देखे हैं जब मुझे खाली पेट सोना पड़ता था और खुद सोने के लिए रोता था।
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, एक समय ऐसा भी था जब उन्हें इस बारे में सोचना पड़ता था कि उनका अगला भोजन क्या होगा। वह कहां सोएंगे। मैं भी बहुत दिन फुटपाथ पर सोया हूं औऱ यही कारण है कि मैं नहीं चाहता मेरी बायोपिक बने। मेरी कहानी किसी को प्रेरित नहीं करेगी बल्कि उन्हें तोड़ देगी।