ट्विंकल खन्ना अपने कॉलम में 'स्त्री 2' का हवाला देते हुए दुष्कर्म की घटनाओं पर अपनी बात रखी है। उन्होंने अपने बचपन की 'अपोक्रिफल कहानियों में से एक' सुनाने से शुरुआत की, जो उनकी दादी की कहानी से जुड़ी हुई थी। इसके बाद उन्होंने यह लिस्ट बनाई कि कैसे डरावनी फिल्मों में 'हमारे आस-पास हर दिन देखी जाने वाली डरावनी चीजों की तुलना में कम परेशान करने वाली बातें' होती हैं।
ट्विंकल खन्ना ने लिखा, इस ग्रह पर पचास साल हो गए हैं, और मुझे लगता है कि हम अभी भी अपनी बेटियों को वही चीजें सिखा रहे हैं जो मुझे बचपन में सिखाई गई थीं। अकेले मत जाओ। पार्क में, स्कूल में, काम पर मत जाओ। किसी भी आदमी के साथ अकेले मत जाओ, चाहे वह आपका चाचा, चचेरा भाई या दोस्त ही क्यों न हो।
उन्होंने लिखा, सुबह या शाम को अकेले न जाएं, और रात में तो बिल्कुल भी न जाएं क्योंकि यह कब का नहीं, कैब का मामला है 'अकेले मत जाओ क्योंकि हो सकता है कि तुम कभी वापस न आओ।' यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि कानूनों को लागू किया जाए और उनका पालन किया जाए, हमें घर तक सीमित रखने के बजाय सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के लिए सुरक्षा उपायों की गारंटी दी जाए। तब तक, मुझे लगता है कि इस देश की महिलाओं के लिए किसी आदमी की तुलना में अंधेरी गली में भूत का सामना करना अधिक सुरक्षित है।
ट्विंकल ने लिखा, 'स्त्री 2' की तरह डरावनी फिल्में भी एक जरूरी सामाजिक संदेश देने का तरीका हो सकती हैं, जो अब एक पूरी तरह से डरावनी दुनिया में बदल रहा है। फिल्म में तरह-तरह के रोल्स में उलटफेर है। उनकी बहन रिंकी खन्ना और उन्हें 'डराने' के लिए बचपन में उनकी दादी उन्हें कहानियां सुनाती थीं, ताकि वे अपने घर के पास जुहू समंदर के किनारे भी ना जाएं।