फिल्म निर्माता करण जौहर के यह कहने पर कि क्या उनकी किताब नारीवादी प्रकृति की है, ट्विंकल ने उन्हें बीच में टोक दिया और कहा, ‘‘मैं कुछ कहना चाहती हूं। बहुत से पत्रकार, जिन्होंने यह किताब पढ़ी है, वह नारीवादी होने के सवाल पर मेरी हिचकिचाहट के बारे में समझ सकते हैं।
ट्विंकल ने कहा ‘‘वह इस सवाल पर भी बिल्कुल ऐसे ही व्यवहार करते हैं कि जैसे उनसे पूछा गया हो कि क्या वह जस्टिन बीबर के फैन है? नारीवादी होने का मतलब सभी के लिए समानता से है और जो लोग ऐसा नहीं मानते, या महिलावादी होने पर भरोसा नहीं करते है, वे मूर्ख हैं।’’ अभिनेत्री ने कहा कि अब महिला मर्दों द्वारा बनाए गए पिंजड़े से बाहर आने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर की महिलाएं अपनी जगह पाने के लिए बड़ी मेहनत कर रही हैं, जो वैसे भी उनकी होनी ही चाहिये, लेकिन पुरुषों ने उन्हें एक पिंजड़े में कैद कर दिया है और वह बाहर आने का प्रयास भी नहीं कर रही हैं।’’