sulochana latkar passes away : मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। बॉलीवुड की दिग्गज अदाकार सुलोचना लाटकर का निधन हो गया है। उन्होंने 94 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा। सुलोचना ने कई फिल्मों में अमिताभ बच्न, धर्मेंद्र और दिलीप कुमार तक की मां का किरदार निभाया था।
खबरों के अनुसर सुलोचना को बीते दिनों दादर के सुश्रुषा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। तमाम कोशिशों के बात भी सुलोचना को बचाया नहीं जा सका।
सुलोचना लाटकर के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमिताभ बच्चन और आशा पारेख समेत तमाम हस्तियों ने सुलोचना लाटकर के निधन पर शोक जता रहे हैं। सुलोचना लाटकर के पोते पराग अजगावकर ने उनके निधन की पुष्टि की।
पराग ने कहा, 'अस्पताल में सोमवार शाम करीब साढ़े छह बजे उनका निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थीं। उन्हें श्वसन नली में संक्रमण था, जिसके लिए उन्हें आठ मई को भर्ती कराया गया था।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, आपके जाने से इंडियन सिनेमा में एक खालीपन रह गया है। अपनी शानदार परफॉर्मेंस से जिस तरह एक्ट्रेस ने हामरे कल्चर को एनरिच किया है, आपे वाली पीढ़ी को दिलचस्प कहानियां दी है, वह काबिले तारीफ रहा। सुलोचना जी की लेगेसी, उनके काम में हमेशा झलकती रहेगी। परिवार को सांत्वना। ओम शांति।
मराठी और हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री लाटकर ने 1940 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी और 250 से अधिक फिल्मों में काम किया। लाटकर की उल्लेखनीय फिल्मों में मराठी में सासुरवास, वहिनींच्या वांगडया, और धाकटी जाऊ तथा हिंदी में आए दिन बहार के, गोरा और काला, देवर, तलाश और आजाद शामिल हैं।
हिंदी फिल्मों में अदाकारा ने सुनील दत्त, देव आनंद, राजेश खन्ना, दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन सहित 1960, 1970 और 1980 के दशक के प्रमुख सितारों के लिए परदे पर मां की भूमिका निभाई। उन्होंने हीरा, रेशमा और शेरा, जानी दुश्मन, जब प्यार किसी से होता है, जॉनी मेरा नाम, कटी पतंग, मेरे जीवन साथी, प्रेम नगर जैसी हिट फिल्मों में अभिनय किया।
सुलोचना लाटकर को 1999 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। लाटकर के परिवार में उनकी बेटी कंचन घनेकर हैं। उनका अंतिम संस्कार सोमवार शाम पांच बजे दादर के शिवाजी पार्क श्मशान घाट में किया जाएगा।