फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में दिखाए गए सभी अवैध रेत खनन की शूटिंग रियल लोकेशन पर हुई थी। बनारस में गैर-कानूनी सैंड माइनिंग सीन की शूटिंग के दौरान एक लैंड माफिया को गलतफहमी हो गई थी और वो विक्की को पीटने वाले थे। उन्हें मारने के लिए बहुत लोग इकट्ठा हो गए थे। जैसे-तैसे करके वे अपनी जान बचा कर भागे थे।
विक्की ने कहा, पहली बार मुझे एहसास हुआ कि यह गैरकानूनी व्यापार भी खुलेआम होता है। आपको लगेगा ही नहीं कि ये असल में तस्करी हो रही है। आपको लगेगा कि ये एक सही ढंग से चल रहा धंधा है क्योंकि वहां सिर्फ दो ट्रक नहीं खड़े थे, वहां 500 ट्रक खड़े थे।
विक्की ने कहा, हम यह सारी चीजें छिप-छिप कर शूट कर रहे थे, तभी कुछ लोग हमारे पास आ गए। जब मैंने ध्यान से देखा तो लगभग 500 लोग हमारे आसपास थे। हमारा कैमरा अटेंडेंट एक बूढ़ा आदमी था, जिसकी उम्र 50 साल से अधिक थी। उस आदमी ने यूनिट को फोन करके कहा कि कैमरा समय पर नहीं आ पाएगा क्योंकि हम यहां फंस गए हैं।
एक्टर ने कहा, फोन पर उसकी बातें सुनकर वहां मौजूद एक व्यक्ति को लगा कि वह किसी प्रभावशाली व्यक्ति को फोन कर रहा है। बिना सच्चाई जाने उस आदमी ने कैमरामैन को थप्पड़ मार दिया और कैमरा भी छीन लिया। उसने हमें धमकी भी दी कि वो कैमरा तोड़ देगा। हम दोनों की पिटाई होने वाली थी, लेकिन हम किसी तरह वहां से बच निकले।