श्रीदेवी के दिल में इस तरह से बोनी कपूर ने बनाई थी जगह

समय ताम्रकर
बोनी कपूर के दिल में हमेशा से ऐसा फिल्म निर्माता बनने की तमन्ना थी जो बड़े बजट की ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाता है। 'मिस्टर इंडिया' बनाने की योजना उन्होंने यही सोचकर बनाई। इस‍ फिल्म के पूर्व वे कुछ फिल्म बना चुके थे। 'मिस्टर इंडिया' के लिए वे तब उस दौर की टॉप हीरोइन श्रीदेवी को साइन करना चाहते थे ताकि फिल्म का लेवल बहुत ऊंचा हो जाए। 
 
श्रीदेवी को साइन करना इतना आसान नहीं था। वे कई बातों पर विचार कर ही फिल्म साइन करती थीं। बोनी चेन्नई में श्रीदेवी को साइन करने के लिए उनके घर पहुंचे। श्रीदेवी की ओर से उन्हें समय नहीं दिया गया। बोनी ने जब खूब निवेदन किया तो सात दिनों के बाद का समय दिया गया। बोनी समझ गए कि उन्हें टाला जा रहा है, लिहाजा उन्होंने चेन्नई में ही रूकने का फैसला किया। 
 
वे रोजाना श्रीदेवी के घर के चक्कर लगाया करते थे ताकि श्रीदेवी उन्हें दिख जाए और वे उनसे अपनी बात कह सके। बोनी ने श्रीदेवी के घर के कई चक्कर लगाए और शायद इसी कारण भगवान उनकी यह भक्ति देख प्रसन्न हो गए और बाद में श्रीदेवी और बोनी के विवाह का योग बना। 
 
बहरहाल, श्रीदेवी को बोनी मनाने में सफल रहे। 'मिस्टर इंडिया' बनी और फिल्म ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की। इसके बाद बोनी ने अपनी एक और महत्वाकांक्षी फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' श्रीदेवी को लेकर बनाई जो असफल रही। बोनी उदारदिल निर्माता रहे और श्रीदेवी के हर नखरे उन्होंने हंसते-हंसते उठाए। शायद इसी कारण दोनों के बीच 'दोस्ताना संबंध' हो गए। श्रीदेवी किसी पर भी आसानी से विश्वास नहीं करती थी, लेकिन बोनी पर उनका विश्वास जम गया।


 
भाई अनिल कपूर और श्रीदेवी को लेकर बोनी कपूर 'जुदाई' नामक फिल्म बना रहे थे। उसी दौरान श्रीदेवी की मां राजेश्वरी की तबियत खराब हो गई। उन्हें इलाज के लिए अमेरिका ले जाया गया। श्रीदेवी ने ऐसे समय बोनी कपूर को साथ ले जाना पसंद किया। मां के इलाज के दौरान पूरे समय बोनी कपूर श्रीदेवी के साथ एक पारिवारिक मित्र के साथ खड़े रहे। श्रीदेवी की मां की गलत इलाज के कारण मृत्यु हो गई। बोनी कपूर ने अस्पताल पर मुकदमा किया। लंबी लड़ाई लड़ी और हर्जाना वसूल किया। 
 
श्रीदेवी ने देखा कि बोनी नि:स्वार्थ भावना से उनके लिए यह सब कर रहे हैं और श्रीदेवी के दिल में बोनी के लिए जगह बन गई।  यह जानते हुए भी कि बोनी शादीशुदा हैं वे बोनी को दिल दे बैठी। बोनी भी श्रीदेवी की भावनाओं को समझ गए और जमाने की परवाह किए बिना उन्होंने श्रीदेवी से शादी कर ली। इस वजह से बोनी को अपने परिवार वालों से कड़ी नाराजगी भी झेलनी पड़ी। 
 
बोनी कपूर बेहद अव्यवस्थित जीवन जीते थे। उन पर कर्ज था। स्वास्थ्य पर भी ध्यान नहीं था। श्रीदेवी ने जब बोनी की लाइफ में एंट्री की तो उन्हें व्यवस्थित तरीके से जीना सिखाया। हैरान-परेशान रहने वाले बोनी सुकून के साथ जीना सीख गए। श्रीदेवी, बोनी, जाह्नवी और खुशी का छोटा सा परिवार शांति के साथ जी रहा था। जाह्नवी की पहली फिल्म 'धड़क' के रिलीज का इंतजार किया जा रहा था। अचानक श्रीदेवी का इस तरह से चले जाना बोनी के लिए बहुत बड़ा आघात है। 
 

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