हिन्दी सिनेमा के सबसे बड़े शोमैन राज कपूर की चर्चित फिल्म 'सत्यम शिवम सुन्दरम' की प्रेरणा स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर थीं और वह 1978 की आरके बैनर की इस फिल्म में लता को लेना चाहते थे। इस बात का खुलासा राज कपूर की पुत्री ऋतु नंदा ने अपनी नई किताब में किया था।
इस किताब में राज साहब के हवाले से लिखा गया है कि यह साधारण-सी दिखने वाली एक लड़की की कहानी है, जिसकी पुरकशिश आवाज से एक व्यक्ति उससे प्यार करने लगता है। मैं इस भूमिका के लिए लता मंगेशकर को लेना चाहता था। वे मानते थे कि कोई भी पवित्र रिश्ता सुंदरता पर नहीं बल्कि प्रेम और विश्वास पर आधारित होता है।
राज कपूर ने बताया कि लता मंगेशकर पहले तो फिल्म में काम करने को राजी हो गईं, लेकिन बाद में उन्होंने इस पेशकश को नकार दिया।
राज कपूर यह फिल्म बरसों से बनाना चाहते थे। आखिर में उन्होंने जीनत अमान को लेकर यह फिल्म बनाई और लता ने इसमें गाने गाए। लता द्वारा गाए गाने आज भी लोकप्रिय हैं और खूब सुने जाते हैं। सत्यम शिवम सुन्दरम और यशोमती मैया से बोले नंदलाला प्रमुख रूप से हिट रहे जो लता ने गाए थे।
लता ने जब सत्यम शिवम सुन्दरम के लिए गाने गाए तो वे राज कपूर से रॉयल्टी के मुद्दे को लेकर नाराज थी। जब वे रिकॉर्डिंग के लिए आईं तो गुस्से में थीं। उन्होंने कुछ देर अभ्यास किया और सिंगल टेक में गाना गाकर स्टूडियो से चली गईं।