यमला पगला दीवाना फिर से 'यमला पगला...' सीरिज की तीसरी फिल्म है। पहली फिल्म 2011 में रिलीज होकर हिट रही थी। कामयाबी को भुनाने के लिए दूसरी फिल्म 'यमला पगला दीवाना 2' (2013) बनाई गई और दर्शकों ने इसे रिजेक्ट कर दिया। इसके बावजूद सीरिज की तीसरी फिल्म 'यमला पगला दीवाना फिर से' (2018) बनाई गई जो कि रिलीज होने वाली है।
तीनों फिल्मों का निर्देशन अलग-अलग निर्देशकों ने किया है। पहली फिल्म समीर कर्णिक, दूसरी संगीत सिवन और तीसरी नवनीत सिंह ने निर्देशित की है। तीसरी फिल्म का पहली दोनों फिल्मों से कोई लेना-देना नहीं है। कहानी भी अलग है और किरदार भी।
यमला पगला दीवाना फिर से में कॉमेडी पर खासा ध्यान दिया गया है। पंजाबी जोक्स, एक्शन के धमाके और गरम धरम का पागलपन इस बार भी देखने को मिलेगा।
पूरन (सनी देओल) एक वैद्य है जो अपने निकम्मे भाई काला (बॉबी देओल) के साथ अमृतसर में रहता है। परमार (धर्मेन्द्र) एक वकील है और पूरन का किराएदार है। पूरन द्वारा बनाई गई 'वज्रकवच' एक ऐसी आयुर्वेदिक दवाई है जिससे सभी स्वस्थ रहते हैं।
मारफतिया (मोहन कपूर) सूरत में एक दवाई कंपनी चलाता है और वह वज्रकवच का फॉर्मूला हासिल कर करोड़ों रुपये कमाना चाहता है। वह पूरन को फॉर्मूला बेचने के करोड़ों रुपये ऑफर करता है, लेकिन पूरन नहीं मानता।
चीकू (कृति खरबंदा) नामक लड़की को मारफतिया, पूरन के पास आयुर्वेद सीखने को भेजता है। इस दौरान चीकू उस फॉर्मूले को चुरा लेती है। मारफतिया वज्रकवच को रजिस्टर्ड करवा लेता है और पूरन को नोटिस भेजता है कि वह उसकी दवाई का गलत उपयोग कर रहा है। पूरन, काला और परमार गुजरात जाकर उसके खिलाफ मुकदमा लड़ते हैं।