कोरोली (तापसी पन्नू) इकलौती संतान है। उसके पिता का लंदन में बहुत बड़ा व्यवसाय है। वह नहीं चाहती कि पिता के कारोबार को आगे बढ़ाए, फिर अच्छे से लड़के से शादी कर ले और फिर मां बन जाए। कोरोली को खुशी की तलाश है और वह लंदन से दिल्ली चली आती है। दिल्ली स्थित ब्रिटिश काउंसिल में वह अंग्रेजी पढ़ाने का काम करने लगती है। इस काम से उसे खुशी और संतोष दोनों मिलते हैं।
सुमित (साकिब सलीम) लाजपत नगर का टिपिकल 'लौंडा' है। बड़े-बड़े ख्वाब हैं उसके। वह बॉलीवुड में एक्टर के रूप में अपना नाम कमाना चाहता है। उसका सपना है कि रेड कारपेट पर वह वॉक करे, बड़े-बड़े सितारों के साथ काम करे। एक जिम में वह ट्रेनर है और अपनी फिजि़क पर भी वह काम करता है।
सुमित अंग्रेजी सीखने के लिए कोरोली की कक्षा में प्रवेश लेता है। दोनों की मुलाकात एक टीचर और एक स्टुडेंट के रूप में होती है। एक नाइटक्लब में उनकी मुलाकात होती है और वे दोस्त बन जाते हैं। इसके बाद वे एक-दूसरे की ओर आकर्षित होने लगते हैं।
फिल्म की कहानी उनकी दोस्ती और प्रेम के इर्दगिर्द घूमती है। उनके इस रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं जिसे मौज-मस्ती के साथ फिल्म में दिखाया गया है।