किशन मोहन गिरहोत्रा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला है। किशन पर हत्या का आरोप लगता है और वह अपने आपको लखनऊ सेंट्रल जेल में पाता है, जहां उसे सजा सुनाए जाने का इंतजार है।
एनजीओ के लिए काम करने वाली गायत्री कश्यप बैंड प्रतियोगिता के लिए कैदियों का एक बैंड बनाने जा रही है। इस कारण किशन और उसकी मुलाकात होती है।
दिक्कत अंसारी, विक्टर चटोपाध्याय, पुरुषोत्तम पंडित, परमिंदर त्रेहान से किशन की दोस्ती हो गई है। किशन इन चारों को बैंड का हिस्सा बनने के लिए राजी कर लेता है।
लखनऊ सेंट्रल में नाटकीय अंदाज में दिखाया गया है कि किशन की जेल में किस तरह से जिंदगी गुजरती है और संगीत उसकी तथा अन्य लोगों की जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण हो गया है।