खोसला का घोसला और ओए लकी लकी ओए जैसी फिल्मों के निर्देशक दिबाकर बैनर्जी ‘लव सेक्स और धोखा’ लेकर हाजिर हो रहे हैं, जिसमें उन्होंने प्यार, सेक्स और धोखे के इर्दगिर्द फिल्म बनाई है। इसे भारत की पहली डिजीटल फिल्म कहा जा रहा है।
टीवी, नेट, मोबाइल, कैमरे के कारण आजकल दूसरों के निजी क्षणों में झाँकना आसान हो गया है। आज की पीढ़ी दूसरे की पर्सनल लाइफ के बारे में, निजी क्षणों के बारे में जानना चाहती हैं। मीडिया और टेक्नॉलॉजी का क्या सही इस्तेमाल हो रहा है, यह फिल्म के जरिये उन्होंने दिखाने की कोशिश की है।
लव नॉर्थ इंडिया में स्थित एक फिल्म इंस्टीट्यूट के फाइनल ईयर का स्टुडेंट एक डिप्लोमा फिल्म बनाता है। इसमें वे छोटे शहरों में रहने वाले कलाकारों को काम देता है। उन्हें बड़े सपने दिखाता है और वह फिल्म की हीरोइन श्रुति को प्यार कर बैठता है।
सेक्स उसी शहर का रहने वाला आदर्श नई टेक्नॉलॉजी से अच्छी तरह परिचित है। एक डिपार्टमेंटल स्टोर में वह सिक्यूरिटी कैमरे लगाता है। जल्दी से अमीर बनने के चाहत में वह सिक्यूरिटी कैमरे की मदद से एक पोर्न क्लिप बनाना चाहता है। इसके लिए वह रश्मि नाम की सेल्सगर्ल को पटाने की कोशिश करता है, जो खूबसूरत नहीं है। एक दिन स्टोर में शूटआउट होता है और रश्मि किसी की जान बचाती है। पहली बार आदर्श को रश्मि में एक औरत नजर आती है।
धोखा
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इसी शहर के दूसरे मोड़ पर प्रभात नामक एक जर्नलिस्ट है। उसका डाइवोर्स हुआ है और जॉब भी चली गई है। कई बार वह मरने की कोशिश कर चुका है। उसकी मुलाकात नैना से होती है। नैना भी मरना चाहती हैं क्योंकि उसे लोकी ने धोखा दिया है। लोकी ने नैना को लेकर एक म्यूजिक वीडियो बनाने का प्लान बनाया था। चकाचौंध में खोई नैना उसके साथ सोई भी थी, लेकिन उसके साथ धोखा हुआ और म्यूजिक वीडियो दूसरी लड़की को लेकर बना दिया गया। प्रभात और नैना मिलकर स्टिंग ऑपरेशन करते हैं। वे लोकी का एक ऐसा वीडियो तैयार करते हैं जिससे उसका भेद खुल जाता है।