रात गई बात गई

IFM
बैनर : प्रीतिश नंदी कम्यूनिकेशन्स
निर्माता : रंगिता प्रीतिश नंदी, रजत कपूर
निर्देशक : सौरभ शुक्ला
संगीत : अंकुर तिवारी
कलाकार : रजत कपूर, विनय पाठक, नेहा धूपिया, इरावती हर्षे, नवनीत निशान

लगभग पाँच वर्ष बाद सौरभ शुक्ला ने निर्देशन की कमान संभाली है और ‘रात गई बात गई’ के जरिये वापसी की है। एक रात की बात के रूप में उन्होंने एडल्ट कॉमेडी बनाई है। एक गंभीर मुद्दे पर हास्य फिल्म बनाना बेहद कठिन काम है और ‘रात गई बात गई’ के जरिये यह बात एक बार फिर साबित हो गई है। ‘द हैंगओवर’ से इस फिल्म की समानता की बात की जा रही है, लेकिन दोनों में बहुत अंतर है।

फिल्म दो जगह मात खाती है। एक तो कहानी में दम नहीं है, बमुश्किल अंतिम बीस मिनट में चीजें आगे बढ़ती हैं। दूसरा, इस फिल्म की गति इतनी धीमी है कि आपके धैर्य की परीक्षा लेने लगती है।

राहुल (रजत कपूर) एक पार्टी में रात बिताने के बाद सुबह उठता है। वह उस रात एक सेक्सी महिला सोफिया (नेहा धूपिया) से मिला था। दोनों ने साथ शराब पी और उसके बाद क्या हुआ यह राहुल को ठीक से याद नहीं है।

उसकी पत्नी मिताली (इरावती हर्षे) का मूड बेहद खराब है इससे राहुल को लगता है कि पिछली रात उसने कुछ गलत किया है। राहुल दिमाग पर बहुत जोर डालता है, लेकिन उसे कुछ याद नहीं आता।

वह अपने दोस्तों सक्सेना (दलीप ताहिल) और ‍अमित (विनय पाठक) से इस बारे में चर्चा करता है। दोस्तों की सलाह पर वह सोफिया से एक बार‍ फिर मिलने का निश्चय करता है ताकि उसे सही उत्तर मिल सके।

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फिल्म का स्क्रीनप्ले (सौरभ शुक्ला-रजत कपूर) कुछ इस तरह लिखा गया है कि दर्शक फिल्म में रूचि नहीं ले पाता। लगभग तीन-चौथाई फिल्म में कहानी आगे ही नहीं बढ़ती। कुछ हास्य दृश्यों को छोड़कर फिल्म में कुछ नहीं है।

अंकुर तिवारी का संगीत कामचलाऊ है। अभिनय के क्षेत्र में सभी कलाकारों का काम उम्दा है। नेहा धूपिया, रजत कपूर, विनय पाठक, दलीप ताहिल, इरावती, नवनीत निशान और अमीर बशीर ने बेहतरीन अभिनय किया है, खासतौर पर रजत और विनय ने। रणवीर शौरी, मकरंद देशपांडे और सुधीर मिश्रा भी संक्षिप्त भूमिका में हैं।

कुल मिलाकर ‘रात गई बात गई’ में याद रखने लायक कुछ भी नहीं है।

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