बधाई हो : फिल्म समीक्षा

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बधाई हो के ट्रेलर में ही पूरी कहानी दिखा दी गई थी क्योंकि फिल्म के मेकर्स को इस बात का भरोसा था कि इस कहानी का लुत्फ लेने दर्शक जरूर सिनेमाघरों में आएंगे। 
 
यह एक ऐसे अधेड़ दंपत्ति की कहानी है जो एक बार फिर माता-पिता बनने वाले हैं। नकुल कौशिक (आयुष्मान खुराना) की जिंदगी में तब भूचाल आ जाता है जब उसे पता चलता है कि उसके पिता (गजराज राव) और मां (नीना गुप्ता) फिर पैरेंट्स बनने जा रहे हैं। 
 
इसका असर नकुल की लव लाइफ पर भी पड़ता है क्योंकि उसका रोमांस रेने (सान्या मल्होत्रा) से चल रहा है। रेने की मां को जब यह बात पता चलती है तो वह नकुल के परिवार को ठीक नहीं समझती। 
 
साथ ही नकुल के परिवार को इस बात को लेकर शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है। लोग मजाक बनाना शुरू कर देते हैं। 
 
ट्रेलर में इसकी झलक देखने को मिल चुकी थी। सवाल यह था कि ढाई मिनट का ट्रेलर जो मजा दे रहा है वो सवा दो घंटे की फिल्म दे पाएगी क्या? और इसका जवाब हां है। 
 
फिल्म की कहानी लीक से हटकर है, लेकिन मनोरंजन का भरपूर मसाला इसमें है। फिल्म की शुरुआत धीमी है और रफ्तार तभी पकड़ती है जब नकुल के माता-पिता इस बात की घोषणा करते हैं कि घर में नन्हा मेहमान आने वाला है। इसके बाद हास्य दृश्यों की झड़ी लग जाती है। 
 
फिल्म में केवल हास्य ही नहीं बल्कि इमोशन भी है। फिल्म में कई सब-प्लॉट भी हैं और जरूरी नहीं है कि हर ट्रैक अच्छा ही हो। जैसे नकुल और रेने के रोमांस वाला ट्रेक कमजोर है। नकुल का गुल्लर के स्कूल जाने वाले हिस्से का कोई मतलब नहीं है। 
 
बावजूद इन कमजोरियों के स्क्रीनप्ले में गजब की पकड़ है। हास्य और इमोशन का मिश्रण अच्छा लगता है। कई दृश्यों में आपकी हंसी छूट जाती है। 
 
निर्देशक के रूप में अमित रवींद्रनाथ शर्मा प्रभावित करते हैं। कुछ दृश्यों पर उनकी पकड़ छूटती है, लेकिन ज्यादातर हिस्से पर उनका नियंत्रण रहा है। उन्होंने कलाकारों से अच्छा काम लिया है जिसकी वजह से कहानी एकदम वास्तविक लगती है। 
 
आयुष्मान खुराना लगातार अपने अभिनय से चौंका रहे हैं। वे ऐसी फिल्में चुन रहे हैं जिनमें कहानी स्टार होती हैं। अब आयुष्मान का होना इस बात की गारंटी बनता जा रहा है कि फिल्म 'हटके' होगी। 
 
इस फिल्म में भी उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया है। शराब पीकर हंगामा करना, रेने की मां से माफी मांगना, अकड़ दिखाने वाले दृश्यों में उनका अभिनय देखने लायक है। 
 
सान्या मल्होत्रा को ज्यादा फुटेज नहीं मिले, लेकिन उनका काम अच्छा है। नीना गुप्ता इस फिल्म की जान है और उन्होंने कई दृश्यों में सिर्फ आंखों से अभिनय कर दिखाया है। गजराज राव ने भी नीना का अच्छा साथ निभाया है। सुरेखा सीकरी ने फिर दर्शाया है कि वे कितनी कमाल की एक्ट्रेस हैं। उनके कई दृश्यों में ठहाके लगते हैं। 
 
फिल्म का संगीत ठीक-ठाक है और 'बधाइयां तेनू' सबसे अच्छा गीत है। तकनीकी पक्ष मजबूत है। 
 
बधाई हो पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है और त्योहारों के इस मौसम में यह फिल्म आपका भरपूर मनोरंजन करती है। 
 
 
निर्माता: विनीत जैन, आलिया सेन, हेमंत भंडारी, अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा 
निर्देशक : अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा
संगीत : तनिष्क बागची, रोचक कोहली, कौशिक-आकाश-गुड्डू, सनी बावरा- इंदर बावरा 
कलाकार : आयुष्मान खुराना, सान्या मल्होत्रा, गजराज राव, नीना गुप्ता, शीबा चड्ढा, सुरेखा सीकरी 

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