* बौद्ध धर्मग्रंथ पिटक-त्रिपिटक क्या है, जानिए...
हिन्दू-धर्म में वेदों का जो स्थान है, बौद्ध धर्म में वही स्थान पिटकों का है। भगवान बुद्ध ने अपने हाथ से कुछ नहीं लिखा था। उनके उपदेशों को उनके शिष्यों ने पहले कंठस्थ किया, फिर लिख लिया। वे उन्हें पेटियों में रखते थे। इसी से नाम पड़ा, 'पिटक'। पिटक तीन हैं :-
सुत्त पिटक 5 निकायों में बंटा है :- * दीघ निकाय, * मज्झिम निकाय, * संयुत्त निकाय, * अंगुत्तर निकाय और * खुद्दक निकाय।
* धम्मपद :
हिन्दू-धर्म में गीता का जो स्थान है, बौद्ध धर्म में वही स्थान धम्मपद का है। गीता जिस प्रकार महाभारत का एक अंश है, उसी तरह धम्मपद सुत्त पिटक के खुद्दक निकाय का एक अंश है।