Buddha Purnima puja vidhi in Hindi: बुद्ध पूर्णिमा, जो कि वर्ष 2025 में सोमवार, 12 मई को मनाई जा रही है। भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) का स्मरण कराता है। यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र दिनों में से एक है। इस दिन भगवान बुद्ध की वंदना करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं। आइए यहां जानते हैं...ALSO READ: शांति, खुशी, आत्मा, बुराई, सुख पर पढ़ें गौतम बुद्ध के 10 अनमोल सुविचार (पढ़ें अर्थसहित)
1. प्रातःकाल: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
• विहार (बौद्ध मठ) जाएं: यदि आपके आस-पास कोई बौद्ध विहार है तो वहां जाएं।
• बुद्ध वंदना: भगवान बुद्ध की वंदना करें। आप त्रिरत्न वंदना (बुद्धं सरणं गच्छामि, धम्मं सरणं गच्छामि, संघं सरणं गच्छामि) का पाठ कर सकते हैं।
• पुष्प और धूप अर्पण: भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर ताजे सफेद या हल्के रंग के पुष्प और सुगंधित धूप अर्पित करें।
• दीपक जलाएं: भगवान बुद्ध के सामने एक दीपक जलाएं, जो ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक है।
• जल अर्पण: एक पात्र में शुद्ध जल भरकर भगवान बुद्ध को अर्पित करें। यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
• प्रणाम: भगवान बुद्ध की प्रतिमा के सामने श्रद्धा से नतमस्तक हों, उन्हें प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद लें।
3. ध्यान और चिंतन:
• ध्यान करें: शांत मन से बैठें और भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हुए ध्यान करें। आप विपश्यना या अनापानसति जैसी ध्यान विधियों का अभ्यास कर सकते हैं।
• उपदेशों का पाठ: भगवान बुद्ध के प्रमुख उपदेशों जैसे अष्टांगिक मार्ग, चार आर्य सत्य आदि का पाठ करें या सुनें।
• सद्गुणों का चिंतन: भगवान बुद्ध के गुणों- करुणा, प्रेम, शांति, ज्ञान और त्याग का चिंतन करें और उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें।ALSO READ: महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध में थीं ये 10 समानताएं
4. दान और सेवा:
• दान दें: इस दिन गरीबों, जरूरतमंदों और भिक्षुओं को दान देना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। आप भोजन, वस्त्र, दवाइयां या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान कर सकते हैं।
• सेवा करें: विहार या किसी सामाजिक सेवा संगठन में स्वयंसेवा करें। दूसरों की मदद करना भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
• जीवों के प्रति करुणा: किसी भी प्राणी को कष्ट न पहुंचाएं। यदि संभव हो तो किसी बेसहारा जानवर की मदद करें।
5. नैतिक आचरण:
• पंचशील का पालन: इस दिन विशेष रूप से पंचशील यानी 5 नैतिक सिद्धांत- हिंसा न करना, चोरी न करना, व्यभिचार न करना, झूठ न बोलना और नशीली वस्तुओं का सेवन न करना का पालन करने का संकल्प लें।
• सकारात्मक विचार: अपने मन में सकारात्मक और कल्याणकारी विचारों को बनाए रखें।
6. आज करें ये विशेष गतिविधियां :
• प्रवचन सुनें: विहार या बौद्ध मठ में आयोजित धर्मोपदेशों को ध्यान से सुनें।
• परिक्रमा करें: बुद्ध प्रतिमा या स्तूप की परिक्रमा करें।
• सामूहिक प्रार्थना: सामूहिक प्रार्थना में भाग लें।
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