बुद्ध जयंती 2025: गौतम बुद्ध के जीवन की सच्ची घटनाएं, पढ़ें रोचक किस्से कहानियां

WD Feature Desk

शनिवार, 10 मई 2025 (10:18 IST)
Spiritual Stories of Lord Buddha : बुद्ध जयंती, जिसे वेसाक के नाम से भी जाना जाता है, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञानोदय और महापरिनिर्वाण का स्मरण कराता है। उनके जीवन से जुड़ी अनेक रोचक किस्से-कहानियां हैं जो हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाती हैं। आइए, बुद्ध जयंती के इस पावन अवसर पर कुछ ऐसी ही कहानियों को पढ़ते हैं...ALSO READ: बुद्ध जयंती पर इन सुंदर शब्दों में दें अपनी शुभकामनाएं, पढ़ें 10 प्रेरणादायी संदेश
 
1. राजकुमार सिद्धार्थ का मोहभंग: राजकुमार सिद्धार्थ, जो बाद में गौतम बुद्ध बने, एक विलासितापूर्ण जीवन जीते थे। उनके पिता, राजा शुद्धोदन ने उन्हें दुखों से दूर रखने के लिए सभी प्रयास किए थे। लेकिन, एक दिन जब सिद्धार्थ नगर भ्रमण पर निकले, तो उन्होंने चार दृश्य देखे- एक बूढ़ा व्यक्ति, एक बीमार व्यक्ति, एक शव और एक तपस्वी।

इन दृश्यों ने उनके मन पर गहरा प्रभाव डाला और उन्हें जीवन की क्षणभंगुरता और दुखों का ज्ञान हुआ। इसी मोहभंग ने उन्हें सांसारिक सुखों को त्याग कर सत्य की खोज में निकलने के लिए प्रेरित किया।
 
2. अंगुलिमाल की कहानी: अंगुलिमाल एक खूंखार डाकू था, जिसने सैकड़ों लोगों की हत्या कर उनकी उंगलियों की माला पहन रखी थी। जब बुद्ध उसके रास्ते में आए, तो अंगुलिमाल ने उन्हें भी मारने की धमकी दी। लेकिन, बुद्ध की शांति और करुणा ने अंगुलिमाल के हृदय को पिघला दिया।

बुद्ध ने उसे हिंसा त्यागकर शांति का मार्ग अपनाने का उपदेश दिया। अंगुलिमाल ने अपनी तलवार फेंक दी और बुद्ध का शिष्य बन गया। यह कहानी दिखाती है कि करुणा और प्रेम सबसे कठोर हृदय को भी बदल सकते हैं।
 
3. किस गौतमी और सरसों के दाने: एक महिला, किस गौतमी का एकमात्र पुत्र मर गया। दुख से व्याकुल होकर वह अपने मृत बच्चे को गोद में लिए हर किसी से उसे जीवित करने की भीख मांग रही थी। किसी ने उसे बुद्ध के पास जाने की सलाह दी। बुद्ध ने किस गौतमी से कहा कि वह पूरे गांव में जाए और जिस घर में कभी कोई मृत्यु न हुई हो, वहां से एक मुट्ठी सरसों के दाने मांग कर लाए।

किस गौतमी पूरे गांव में घूमी, लेकिन उसे एक भी ऐसा घर नहीं मिला, जहां किसी की मृत्यु न हुई हो। तब उसे समझ आया कि मृत्यु जीवन का अटूट सत्य है। बुद्ध ने उसे धैर्य और मृत्यु की वास्तविकता को स्वीकार करने का ज्ञान दिया।ALSO READ: बुद्ध जयंती पर इन सुंदर शब्दों में दें अपनी शुभकामनाएं, पढ़ें 10 प्रेरणादायी संदेश
 
4. बुद्ध और हाथी: एक बार, बुद्ध एक गांव से गुजर रहे थे, जहां कुछ शरारती युवकों ने एक पागल हाथी को भड़का दिया था। हाथी गुस्से में लोगों को मारने के लिए दौड़ा। जब हाथी बुद्ध के पास पहुंचा, तो बुद्ध ने अपनी शांत और करुणामयी दृष्टि उस पर डाली।

हाथी तुरंत शांत हो गया और बुद्ध के चरणों में बैठ गया। यह कहानी दिखाती है कि प्रेम और शांति में बड़ी शक्ति होती है, जो क्रोध और हिंसा को भी शांत कर सकती है।
 
5. बुद्ध और पानी का घड़ा: एक बार, बुद्ध अपने शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे। उन्हें प्यास लगी, तो बुद्ध ने अपने एक शिष्य को पानी लाने के लिए कहा। शिष्य नदी पर गया, लेकिन उसने देखा कि कुछ लोग कपड़े धो रहे हैं और गाड़ियां गुजर रही हैं, जिससे पानी गंदा हो गया है। वह खाली हाथ लौट आया। बुद्ध ने थोड़ी देर बाद फिर उसी शिष्य को जाने के लिए कहा।

इस बार, शिष्य ने देखा कि गंदा पानी धीरे-धीरे नीचे बैठ गया है और ऊपर साफ पानी आ गया है। वह साफ पानी भरकर लाया। बुद्ध ने कहा कि हमारे मन की स्थिति भी ऐसी ही होती है। जब हम अशांत होते हैं, तो हमें कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं देता, लेकिन जब हम शांत होते हैं, तो सत्य अपने आप प्रकट हो जाता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: बुद्ध जयंती कब है, गौतम सिद्धार्थ नेपाली थे या भारतीय?

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी