देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और 9 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने के लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में बुनियादी ढाँचा में निवेश हेतु अनेक उपायों की घोषणा की है।
बुनियादी ढाँचे को निवेश जरूरतों को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संगठनों को आगामी वित्त वर्ष में 30000 करोड़ रुपए मूल्य के कर रहित बौंड जारी करने की छूट देने और अधारभूत ढाँचा बौंड में निवेश करने पर मिलने वाली 20000 रुपए के आयकर छूट अगले साल भी जारी रखने का प्रस्ताव भी किया गया है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में आज वित्त वर्ष 2011-12 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि अगामी वित्त वर्ष में सरकार अधारभूत ढाँचा क्षेत्र पर 2.14 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अधारभूत ढाँचा कोष बनाएगी।
उन्होंने कहा कि अधारभूत ढाँचा में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए हम विशेष अधारभूत ढाँचा ऋण कोष बनाएँगे। मुखर्जी ने कहा कि भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 10,000-10,000 करोड़ रुपए मूल्य के करमुक्त बौंड जारी करेंगे, जबकि हुडको और पत्तन क्षेत्र द्वारा 5,000-5000 करोड़ रुपए मूल्य के कर रहित बौंड जारी किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सेबी से पंजीकृत मुचुअल फंड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की मंजूरी दी जाएगी और अधारभूत ढाँचा से जुड़े क्षेत्रों में विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) की सीमा को 20 अरब डॉलर बढ़ाया जाएगा।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अधारभूत ढाँचे में 25 अरब डॉलर के निवेश समेत कंपनियों के बांड में 40 अरब डॉलर का निवेश कर सकेंगे।
मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने अधारभूत ढाँचे पर 2.14 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है, जो कि योजनागत खर्च के सकल बजटीय अंशदान करीब 48.5 प्रतिशत है।
मंत्री ने कहा कि इंडियन इंफ्रास्ट्रक्चर फिनांश कंपनी लि. (आईआईएफसीएल) अधारभूत ढ़ाँचे क्षेत्र में निवेश हेतु इस वित्त वर्ष के अंत तक 20000 करोड़ रुपए ऋण बाँटेगी। मुखर्जी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में आईआईएफसीएल 25000 करोड़ रुपए ऋण देगी।
उन्होंने कहा कि शीतभंडार गृह को बुनियादी ढाँचा का दर्जा दिया जाएगा। (भाषा)