हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने सहयोगियों द्वारा अपने सहयोगियों के साथ ही काम करते हैं। हम इसी तरह अपनी उत्पादकता बढ़ाने और अधिक धन कमाने में सफल होते हैं।
1. हमें समझ लेना चाहिए कि हम किसी कर्मचारी को जबरन काम करने को मजबूर तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अच्छा काम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। उनसे अच्छा काम लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना, उनकी अच्छे कामों के लिए प्रशंसा करना, जरूरी है। तब जाकर वे अच्छा काम इसलिए नहीं करेंगे कि उन्हें काम करना पड़ता है बल्कि वे इसलिए काम करेंगे कि उन्हें काम करना अच्छा लगता है।
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2. इसलिए हमें उनके अच्छे कामों के लिए उनको शाबाशी देना, उनकी पीठ थपथपाना जरूरी है। हमें उनकी भलाई का भी ध्यान रखना चाहिए। उनसे आदर सहित पेश आना चाहिए, कुशल व्यवहार करना चाहिए। सबसे अच्छा तो यह हो कि आप उन्हें अपने व्यवसाय में भागीदार समझें।
3. हमें उन्हें उनकी गलतियों पर डांटना भी चाहिए लेकिन हमें सदा याद रखना चाहिए कि सही समय पर, सही गलती के लिए, सही तौर पर ही डांटना चाहिए ताकि उनके काम एवं व्यवहार में सुधार आए। गलत डांट-फटकार उन्हें अनुत्साहित कर सकती है।
4. और आप उन्हें हद से ज्यादा भी न डांटे कि वे ढीठ हो उठें और उन पर आप की सही डांट का भी कोई अवसर ही न हो।
(- डॉ एसबी माथुर की 'पुस्तक जानें और सीखें उत्तम मैनजमेंट के नियम' से साभार)