-दीपक गोयल सरकार की नई आर्थिक नीति एवं विदेशी कंपनियों के प्रति उदार रवैये के तहत चार्टर्ड एकाउंटेंसी एवं कंपनी सेक्रेटरी पाठ्यक्रम अत्यधिक उपयोगी हो गया है। इन दोनों कोर्सेस की विशेषता यह है कि ये कोर्सेस 10+2 परीक्षा के तुरंत बाद प्रारंभ किए जा सकते हैं, जबकि अन्य कोर्सेस (एम.बी.ए., एम.सी.ए., एम.सी.एम., पी.एस.सी., बैंक पी.ओ.) स्नातक परीक्षा के पश्चात ही किए जा सकते हैं।
चार्टर्ड एकाउंटेंट अंकेक्षण वित्त एवं कर संबंधी परामर्श तथा प्रबंधकीय सेवाओं के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ समझा जाता है। इस पाठ्यक्रम को द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया इंद्रप्रस्थ मार्ग, नई दिल्ली द्वारा संचालित किया जाता है। सी.ए. बनने की तीन सीढ़ियाँ हैं। फाउंडेशन परीक्षा, इंटरमीडिएट परीक्षा और फाइनल परीक्षा।
फाउंडेशन परीक्षा 12वीं कक्षा उत्तीर्ण किसी भी संकाय का कोई भी छात्र दे सकता है। इसके अलावा 12वीं कक्षा का रिजल्ट आने के पूर्व भी प्रोविजनल आधार पर पंजीयन कराया जा सकता है। जिन छात्रों ने फाउंडेशन परीक्षा पास की है अथवा जिन छात्रों ने स्नातक परीक्षा पास की है, उनमें से बी. कॉम. 50 प्रतिशत अंक के साथ, बी.ए., बी.एससी. (गणित छोड़कर) 55 प्रतिशत अंक के साथ तथा बी.एससी. (गणित) 60 प्रतिशत अंक के साथ होने पर सीधे इंटरमीडिएट परीक्षा में बैठ सकते हैं।
इंटरमीडिएट परीक्षा देते समय 18 वर्ष की न्यूनतम उम्र जरूरी है तथा सी.ए. बनने के लिए न्यूनतम 21 वर्ष उम्र जरूरी है। सी.ए. के इस पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दोनों को शामिल किया गया है। इसलिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को किसी भी व्यवसायरत चार्टर्ड एकाउंटेंट के यहाँ 3 वर्षों तक इंटर्नशिप करना पड़ती है। व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौरान संस्थान द्वारा नियत छात्रवृत्ति भी दी जाती है। सी.ए. बनने के अवसर वाणिज्य संकाय के अलावा अन्य संकायों के छात्रों के लिए एक समान हैं। माध्यम अँग्रेजी एवं हिन्दी दोनों है।
कंपनी सेक्रेटरी (सी.एस.) : कंपनी की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या को देखते हुए कंपनी सेक्रेटरी कोर्स की महत्ता समझी जा सकती है। कंपनी सेक्रेटरी प्रतिष्ठापूर्ण तथा सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से एक आकर्षक पद है। कंपनी में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोई भी कंपनी, कंपनी अधिनियम एवं विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत कार्य कर रही है या नहीं, इस बात का पूर्ण ध्यान रखना कंपनी सचिव का प्रमुख कार्य है।
इस कोर्स को द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया, नई दिल्ली द्वारा संचालित किया जाता है। इस पाठ्यक्रम की तीन सीढ़ियां हैं- फाउंडेशन परीक्षा, इंटरमीडिएट परीक्षा एवं फाइनल परीक्षा। फाउंडेशन परीक्षा 12वीं कक्षा उत्तीर्ण किसी भी संकाय का कोई भी छात्र दे सकता है। इसके अलावा 12वीं कक्षा का रिजल्ट आने के पूर्व भी प्रोविजनल आधार पर पंजीयन कराया जा सकता है।
फाउंडेशन परीक्षा में चार प्रश्न पत्र होते हैं। जिन छात्रों ने फाउंडेशन परीक्षा पास की हो अथवा जिन छात्रों ने स्नातक किया हो, वे विद्यार्थी सीधे इंटरमीडिएट परीक्षा में बैठ सकते हैं।
इंटरमीडिएट परीक्षा तथा फाइनल परीक्षा प्रत्येक में दो ग्रुप होते हैं तथा प्रत्येक ग्रुप में चार प्रश्न पत्र होते हैं। सी.एस. के इस पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी आवश्यक है। अतः सी.एस. फाइनल के पश्चात व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। सी.एस. कोर्स वाणिज्य संकाय के अलावा अन्य संकायों के विद्यार्थियों के लिए भी खुला है। परीक्षा का माध्यम हिन्दी एवं अँग्रेजी दोनों है।