इस बार चैती छठ पर्व 16 से 19 अप्रैल 2021 तक मनाया जा रहा है। इस व्रत में सूर्य देवता की पूजा की जाती है। ये पूजा बेहद खास है। इस बार चैती छठ पर कोरोना का असर दिखाई देगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार, षष्ठी माता संतानों की रक्षा करती हैं तथा उन्हें स्वस्थ और दीघार्यु बनाती हैं।
छठ व्रत में सूर्यदेव और षष्ठी देवी दोनों की पूजा साथ-साथ की जाती है। छठ पूजा का पावन पर्व पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं लगभग 36 घंटे का व्रत रखती हैं तथा सूर्य की उपासना करती है।
लोक आस्था के महापर्व चैती छठ की शुरुआत 16 अप्रैल से रवियोग में हुई। इस पर्व में 17 अप्रैल को खरना, 18 अप्रैल को रविवार के दिन रवियोग में सायंकालीन सूर्य को अर्घ्य तथा 19 अप्रैल तक प्रात:कालीन अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण करके छठ की पूजा की जाएगी।
बिहार में चैती छठ और छठ महापर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। यह पर्व पहला कार्तिक में और दूसरा चैत्र माह में मनाया जाता है। साल में दो बार आने वाला यह व्रत रोग, शोक, भय आदि से मुक्ति दिलाने वाला व्रत है। लोक परंपरा के अनुसार सूर्यदेव और छठी मइया का संबंध भाई-बहन का है।
ऐसी मान्यता है कि लोक मातृका षष्ठी की पहली पूजा सूर्य ने ही की थी। यह व्रत करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस साल कोरोना की वजह से घर में छठ की पूजा-पाठ आदि करना उचित रहेगा। इस पर्व में साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। 19 अप्रैल, सोमवार को सप्तमी तिथि के दिन इस महापर्व का समापन किया जाएगा तथा उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारणा किया जाएगा।
चैती छठ पर्व पूजन की शुभ तारीखें एवं मुहूर्त -
16 अप्रैल 2021, शुक्रवार को पहले दिन नहाय-खाय का पर्व।
17 अप्रैल 2021, शनिवार को दूसरे दिन खरना पर्व।
18 अप्रैल 2021, रविवार को तीसरे दिन शाम के सूर्यदेव को सायंकालीन अर्घ्य।
19 अप्रैल 2021, सोमवार को सुबह के सूर्यदेव को अर्घ्य देकर पर्व का समापन तथा पारणा किया जाएगा।