बर्मिंघम। युवा भारोत्तोलक जेरेमी लालरिनूंगा ने खेलों के 2 नए रिकॉर्ड के साथ रविवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता। युवा ओलंपिक 2018 चैंपियन जेरेमी ने पुरुष 67 किग्रा वर्ग में दबदबा बनाते हुए कुल 300 किग्रा (140 किग्रा और 160 किग्रा) वजन उठाया। उन्होंने समोआ के वेइपावा नीवो इयोन 293 किग्रा (127 किग्रा और 166 किग्रा) और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ उमोआफिया 290 किग्रा (130 किग्रा और 160 किग्रा) को पछाड़ा जिन्हें क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिला।
आइजोल के 19 साल के जेरेमी ने खेलों का स्नैच (140 किग्रा) और कुल भार (300 किग्रा) का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस दौरान वे चोटिल होने से भी बचे क्योंकि क्लीन एवं जर्क के प्रयास के दौरान दो बार वे काफी दर्द में दिखे।
जेरेमी ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 140 किग्रा वजन उठाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी इडिडियोंग पर 10 किग्रा की बड़ी बढ़त बनाई। उन्होंने 136 किग्रा के प्रयास के साथ शुरुआत की थी। जेरेमी ने अंतिम प्रयास में 143 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।
क्लीन एवं जर्क में 2021 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में विजेता जेरेमी ने 154 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की और अपने दूसरे प्रयास में 160 किग्रा वजन उठाया। वह अपने अंतिम प्रयास में 165 किग्रा वजन नहीं उठा सके।
भारत का भारोत्तोलन में यह पांचवां पदक है। इससे पहले मीराबाई चानू (स्वर्ण), संकेत सरगर (रजत), बिंदियारानी देवी (रजत) और गुरुराज पुजारी (कांस्य) ने शनिवार को पदक जीते। राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज लालनेहतलुआंगा के बेटे जेरेमी ने मुक्केबाजी में भी हाथ आजमाए थे लेकिन भारोत्तोलन से जुड़ गए क्योंकि इसमें सफल होने के लिए सिर्फ ताकत की जरूरत थी जिससे वह इसके प्रति आकर्षित हुए।(भाषा)
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