नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में 61 पदक जीतकर लौटे भारतीय दल का अभिनंदन करते हुए शनिवार को कहा कि खिलाड़ियों की मेहनत से एक प्रेरणादायक उपलब्धि के साथ देश आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर रहा है।प्रधानमंत्री मोदी ने अपने निवास स्थान पर भारतीय दल की मेजबानी की। भारतीय खिलाड़ियों ने बर्मिघम खेलों में 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत 61 पदक जीते।
उन्होंने कहा, जो खेल हमारी ताकत रहे हैं उनको तो हम मजबूत कर रही रहे हैं। हम नये खेलों में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं ।हॉकी में जिस प्रकार हम अपनी विरासत को फिर हासिल कर रहे हैं, उसके लिये मैं दोनों टीमों के प्रयास, मेहनत और मिजाज की सराहना करता हूं।
लॉन बॉल्स और एथलेटिक्स टीम की तारीफ की प्रधानमंत्री ने
प्रधानमंत्री ने कहा , पिछली बार की तुलना में इस बार हमने चार नये खेलों में जीत का नया रास्ता बनाया। लॉन बॉल्स से लेकर एथलेटिक्स तक अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा है जिससे नये खेलों में युवाओं का रूझान बढने वाला है। इसी तरह नये खेलों में प्रदर्शन सुधारते चलना है।
उन्होंने कहा , सभी सीनियर खिलाड़ियों ने उम्मीद के अनुसार लीड किया और युवाओं ने तो कमाल ही कर दिया। मेरी खेलों से पहले जिन युवा साथियों से बात हुई थी, उन्होंने अपना वादा निभाया।
प्रधानमंत्री ने कहा ,मुझे खुशी है कि आप समय निकालकर मेरे निवास पर परिवार के सदस्य के रूप में आये। आपकी सिद्धि का यश आपके साथ जुड़कर जैसे हर हिंदुस्तानी गर्व करता है, मैं भी गर्व कर रहा हूं। दो दिन बाद देश आजादी के 75 वर्ष पूरे करने वाला है। यह गर्व की बात है कि देश आप सभी की मेहनत से एक प्रेरणादायक उपलब्धि के साथ आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर रहा है।
उन्होंने मामल्लापुरम में हुए शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा , बीते कुछ हफ्तों में देश ने खेल के मैदान में दो बड़ी उपलबधियां हासिल की है। राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ देश ने पहली बार शतरंज ओलंपियाड का सफल आयोजन किया और इस खेल में समृद्ध परंपरा को कायम रखते हुए श्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया। मैं शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों और सभी पदक विजेताओं को भी इस अवसर पर बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा , राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने से पहले मैने आपसे वादा किया था कि लौटने पर मिलकर विजयोत्सव बनायेंगे। मुझे विश्वास था कि आप विजयी होकर आयेंगे। मेरा मैनेजमेंट भी था कि कितनी भी व्यस्तता होगी, आपके साथ यह विजयोत्सव मनाऊंगा । आज ये विजय के उत्सव का ही अवसर है।
उन्होंने कहा ,अभी आपसे बात करते हुए मैने आपका आत्मविश्वास और हौसला देखा और वही आपकी पहचान है। जिसने पदक जीता वह भी और जो आगे पदक जीतने वाले हैं, वे भी आज प्रशंसा के पात्र हैं।इस समारोह में राष्ट्रमंडल खेलों से लौटे अधिकांश खिलाड़ियों और कोचों ने भाग लिया। (भाषा)