टोरंटो। कनाडा में रहने वाले दो सिख डॉक्टर भाइयों ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अपनी दाढ़ी कटवाने का कठिन निर्णय किया। संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए मास्क पहनना आवश्यक है और इसी कारण सिख डाक्टरों ने यह निर्णय किया है। दाढ़ी सिख धर्म में आस्था का प्रतीक मानी जाती है।
मीडिया की खबरों में कहा गया है कि मांट्रियल में रहने वाले फिजिशियन संजीतसिंह सलूजा और उनके न्यूरो सर्जन भाई रंजीत सिंह ने धार्मिक सलाहकार, परिवार एवं दोस्तों से संपर्क करने के बाद दाढ़ी कटवाने का निर्णय किया।
मैक्गिल युनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर (एमयूएचसी) ने बयान जारी कर बताया कि सिख होने के कारण उनकी दाढ़ी उनकी शिनाख्त का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन इससे उन्हें मास्क पहनने में दिक्कत आती थी। बहुत सोच-विचार के बाद उन्होंने अपनी दाढ़ी कटवाने का कठिन निर्णय किया।
एमयूएचसी में बतौर न्यूरो सर्जन काम कर रहे रंजीत ने कहा कि हम काम नहीं करने का विकल्प चुन सकते थे, कोविड मरीजों को देखने से मना कर सकते थे लेकिन यह फिजिशियन रूप में ली गई शपथ एवं सेवा के सिद्धांतों के खिलाफ होता। उन्होंने एमयूएचसी की वेबसाइट पर पोस्ट एक वीडियो संदेश में यह बात कही है।
सलूजा ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत कठिन निर्णय था लेकिन हमने यह महसूस किया कि मौजूदा समय में यह सबसे आवश्यक है। उनके हवाले से मांट्रियल गजट ने खबर दी, 'इस निर्णय ने मुझे उदास कर दिया। यह कुछ ऐसा था जो मेरी पहचान से जुड़ा था। मैं आईने में स्वयं को बहुत अलग देखता हूं। प्रत्येक सुबह जब मैं सुबह खुद को देखता हूं तो यह मुझे थोड़ा झटका देता है।
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से मैं और मेरे भाई ने ऐसा किया। मेरा भाई चाहता था कि हम चुपचाप ऐसा करें। वे किसी प्रकार का प्रचार नहीं चाहता था। (भाषा)