नई दिल्ली। गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाडइलाइन के बाद से देश में करीब 10 राज्यों में स्कूल खोल दिए गए हैं। लेकिन कई राज्यों में स्कूल खुलते ही कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों ने केंद्र सरकार और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है।
बच्चों को स्कूल भेजा जाए या फिर नहीं इस चर्चा के बीच ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की ताजा रिपोर्ट ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल खुलने के बाद से कई जगहों पर टीचर्स और स्टूडेंट्स के कोविड पॉजिटिव (Corona Positive) पाए जाने की खबरें आई हैं।
एम्स की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक सभी पॉजिटिव मरीजों में से 40% एसिम्प्टोमेटिक थे। जबकि इन मरीजों में 73.5% बच्चे 12 साल से कम उम्र के थे। इस तरह के बच्चों में कोरोना का संक्रमण तो होता है, लेकिन वो दिखाई नहीं देता है।
ऐसे में ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि कौनसा बच्चा कोरोना पॉजिटिव है और कौनसा नहीं। अभी तक गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाडइलाइन के बाद से देश में उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित करीब 10 राज्यों में स्कूल खोल दिए गए हैं।
एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हर 4 में से 3 कोरोना संक्रमित बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए जो दूसरे बच्चों के लिए काफी खतरनाक है। डॉक्टर्स का मानना है कि ये बच्चे बहुत की आसानी से किसी दूसरे को संक्रमित कर सकते हैं।
इस रिपोर्ट की पुष्टि इस बात से भी होती है कि आंध्रप्रदेश में स्कूल खुलने के बाद पिछले 3 दिनों में 262 विद्यार्थी और लगभग 160 शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए। राज्य में 2 नवंबर से कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों के लिए स्कूल शुरू हो गए हैं।