Prime Minister Narendra Modi News in Hindi: झारखंड में चुनावी रैलियों में भाग लेने के दो बड़े नेताओं के विमान समय पर उड़ान नहीं भर पाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विमान में तकनीकी खराबी के कारण देवघर हवाई अड्डे पर एक घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहे, जबकि लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर एटीसी की हरी झंडी नहीं मिलने के कारण गोड्डा के महागामा में करीब दो घंटे तक रुका रहा है।
क्या कहा कांग्रेस ने : कांग्रेस ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से झारखंड में पार्टी नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने से कथित तौर पर रोकने की शिकायत की और चुनाव प्रचार में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को प्रतिबंधों के कारण उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके कारण उनकी जनसभाओं में या तो देरी हुई या रद्द हो गईं।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चुनाव प्रचार अभियान दूसरों के प्रचार अभियान से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता। रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रचार में समान अवसर होने चाहिए। प्रधानमंत्री का प्रचार अभियान अन्य सभी के प्रचार अभियान से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता। आज राहुल गांधी को झारखंड में इसी कारण देरी हुई।
क्यों रोका गया राहुल गांधी को : उन्होंने कहा कि गांधी कांग्रेस की एक चुनावी रैली के लिए झारखंड में थे और उन्होंने राज्य भर में यात्रा करने तथा सभी पूर्व-निर्धारित चुनाव कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमति हासिल कर ली थी। उन्होंने बताया कि स्वीकृत कार्यक्रम और अनुमति के अनुसार गांधी और उनकी टीम को दोपहर 1.15 बजे गोड्डा से राज्य के अन्य स्थानों के लिए उड़ान भरनी थी, लेकिन उन्हें उड़ान की इजाजत नहीं दी गई। उन्हें सूचित किया गया कि आसपास के अन्य नेताओं के प्रोटोकॉल के कारण, उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
उक्त देरी के कारण राहुल गांधी के बाद के सभी कार्यक्रम (जिनके लिए पूर्व अनुमति प्राप्त की गई थी) अब या तो विलंबित हो गए हैं या रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम आयोग से अनुरोध करते हैं कि वह इस स्थिति में तत्काल हस्तक्षेप करे तथा यह सुनिश्चित करे कि समान अवसर बाधित न हों। रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि यदि ऐसी स्थिति को जारी रहने दिया गया तो सत्तारूढ़ सरकार और उसके नेता हमेशा ऐसे प्रोटोकॉल का अनुचित लाभ उठा सकते हैं और विपक्षी दलों के नेताओं के चुनाव अभियान को सीमित कर सकते हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)