एएससीआई ने बयान में कहा कि ये विज्ञापन विभिन्न मीडिया मंचों पर प्रसारित हुए हैं। एएससीआई ने कहा कि ये विज्ञापन अभियान आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, एवं होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय के एक अप्रैल, 2020 के आदेश का उल्लंघन करते हैं। इस आदेश में आयुष से संबंधित प्रचार और विज्ञापन पर रोक लगाई गई है।
दिलचस्प तथ्य है कि इस सूची में वे इकाइयां भी शामिल हैं जो होम्योपैथिक दवा 'आर्सेनिक एल्बम 30' का प्रचार कोरोना वायरस के बचाव की दवा के रूप में कर रही थीं। हालांकि, इस सूची में कोई बड़ा ब्रांड शामिल नहीं। इनमें ज्यादातर देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत स्थानीय कंपनियां हैं।
इसके अलावा एएससीआई ने आयुष मंत्रालय के दवा एवं चमत्कारिक उपचार नियमनों के संभावित उल्लंघन के 91 अन्य मामलों को भी भ्रामक करार दिया। इस सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जो मधुमेह, कैंसर, यौन समस्याओं, रक्तचाप और मानसिक तनाव के इलाज का दावा कर रही हैं।
इस बीच, एएससीआई ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के ‘फेयर एंड लवली’ ब्रांड के एडवांस्ड मल्टी विटामिन से संबंधित विज्ञापन को भी भ्रामक करार दिया है। अप्रैल में जिन अन्य प्रमुख ब्रांडों के विज्ञापन पर परिषद ने आपत्ति जताई है उनमें एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, एफसीए इंडिया ऑटोमोबाइल्स, ग्रोफर्स, मेकमाईट्रिप और इंडिगो एयरलाइंस शामिल हैं।