राज्य में कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केला और दूसरी फसलों के निर्यात के लिए विभाग किसानों का मार्गदर्शन कर रहा है। मुंबई से करीब 570 किलोमीटर दूर स्थित अर्धापुर और नांदेड़ के दूसरे हिस्सों में पानी की उपलब्धता के कारण केले की खेती बहुतायत से की जाती है। स्थानीय किसान नीलेश देशमुख ने बताया कि लगभग 40 टन केले अब हर दिन अर्धापुर से ओमान, ईरान, इराक और दुबई को निर्यात किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि निर्यात की गुणवत्ता वाले केले का चयन अर्धापुर के विभिन्न खेतों से किया जाता है और प्रतिदिन लगभग 40 टन केले का निर्यात किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान हमें केले के लिए 500 रुपए प्रति क्विंटल दाम मिल रहे थे, लेकिन अनलॉकिंग की प्रक्रिया में हमें 900 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले केले का भाव 1,400 रुपए प्रति क्विंटल था।
उन्होंने कहा कि किसानों ने पैकेजिंग विधि में भी सुधार किया है और अब निर्यात के लिए फलों को बक्से में सील किया जा रहा है। इसके साथ ही नुकसान 25 फीसदी से घटकर 1 फीसदी रह गया है। एक अन्य स्थानीय किसान विभीषण दुधाते ने बताया कि प्रतिबंधों में ढील के बाद अच्छी कीमत मिलने लगी है और विदेशों में फसल की मांग बढ़ रही है। नांदेड़ के कृषि अधीक्षक रविशंकर चालवाडे ने कहा कि विभाग निर्यात आधारित फसलों की खेती में किसानों की मदद कर रहा है। (भाषा)