उन्होंने भाजपा पर मध्य प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कोरोना संकट के चलते अभी तक ना तो मंत्रिमंडल का गठन हुआ है, ना ही स्वास्थ्य मंत्री या गृहमंत्री का प्रभार किसी को दिया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं और इस तरह का उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा।
उन्होंने देश में कोरोना संकट के लिए भाजपा नीत केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि मार्च में कोरोना संकट के दौरान संसद की कार्यवाही केन्द्र सरकार ने महज इसलिए स्थगित नहीं होने दी जिससे मध्य प्रदेश की विधानसभा चलती रहे और उनकी अगुवाई वाली राज्य सरकार को गिराया जा सके।
कमलनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, जाहिर है कि संसद इसीलिए चल रही थी, ताकि मध्य प्रदेश विधानसभा चलती रहे और कांग्रेस की सरकार गिराई जा सके। कमलनाथ ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हालात बहुत नाजुक हैं और अगर संक्रमण के परीक्षण का दायरा बढ़ा दिया जाए तो मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति है। इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार को आर्थिक पैकेज देने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पैकेज को लागू कैसे किया जा रहा है और इसमें किन क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया गया है।(भाषा)