भोपाल। नए साल में देश में वैक्सीनेशन के नए चरण की शुरुआत होने जा रही है। 3 जनवरी 2022 से देश में 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरु होगा। वहीं 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक आयु के ऐसे बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज मिलेगी जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है। मध्यप्रदेश में 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर कैसी तैयारी है इसको को लेकर वेबदुनिया ने राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला से खास बातचीत की।
49 लाख बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन- मध्यप्रदेश में 15-18 साल तक के बच्चों का वैक्सीनेशन केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही होगा। वेबदुनिया से बातचीत में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि मध्यप्रदेश में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां चल रही है और 15- 18 वर्ष तक बच्चों को कोवैक्सीन लगाई जाएगी। मध्यप्रदेश में 15-18 वर्ष के बीच के करीब 49 लाख बच्चों का वैक्सीनेशन होगा।
स्कूलों में होगा बच्चों का वैक्सीनेशन- 3 जनवरी से शुरु होने वाला 15-18 वर्ष तक के बच्चों का वैक्सीनेशन स्कूलों में किया जाएगा। शहर के साथ-साथ गांव के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में टीकाकरण का कार्यक्रम चलेगा। इसके बाद अगले चरण में आंगनवाडी के माध्यम से भी टीकाकरण अभियान किया जाएगा जिससे ऐसे बच्चे जो शिक्षा यानि स्कूल नहीं जा रहे है उनको चिन्हित कर उनका भी टीकाकरण किया जा सके।
वैक्सीनेशन के लिए CoWIN से होगा रजिस्ट्रेशन- बच्चों के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कोविन (CoWIN) एप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। 3 जनवरी से शुरु होने वाले वैक्सीनेशन प्रक्रिया के लिए एक जनवरी से संभवत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरु होगी। 15-18 वर्ष तक बच्चों को टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कोविन पोर्टल के माध्यम से होगा, इसके बाद ही बच्चों का टीकाकरण किया जा सकेगा। कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन के लिए पहले से मान्य पहचान पत्रों के साथ 10वीं के आईडी कार्ड का भी उपयोग किया जा सकेगा।
15-18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन क्यों?- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जनवरी 2022 से 15-18 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन का एलान किया है। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि 15-18 साल तक एज ग्रुप वाले हाईरिस्क कैटेगरी में आते है। ऐसे में जब कोरोना महामारी से लड़ने में एकमात्र उपाय कोरोना वैक्सीनेशन ही है तब परिवार को समझना होगा की बीमारी से डरे टीके से नहीं। मध्यप्रदेश में अब तक 10 करोड़ 14 लाख वैक्सीनेशन हो चुका है। अब तक प्रदेश में वैक्सीनेशन का एक भी गंभीर रिएक्शन नहीं पाया गया है।