नई दिल्ली। सरकार पर कोरोनावायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन (Omicron) स्वरूप से पैदा खतरे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने रविवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक स्पष्ट टीकाकरण नीति का पालन करना चाहिए, 5 से 15 साल के बच्चों को टीका देने के साथ महामारी से निपटने के लिए खाका तैयार करना चाहिए। कांग्रेस ने राजनीतिक रैलियों को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में शादियों में सिर्फ 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है, जबकि प्रधानमंत्री जो रैलियां कर रहे हैं, उसमें लाखों लोगों की भीड़ जुट रही है।
महामारी से निपटने को लेकर विपक्षी दल ने ऐसे वक्त सरकार पर हमला किया है, जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने अगले साल तीन जनवरी से 15 से 18 साल की आयु के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान जबकि 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए प्रीकॉशन डोज (एहतियाती खुराक) की शुरुआत की घोषणा की। राष्ट्र के नाम संबोधन में मोदी ने कहा कि 10 जनवरी से गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को चिकित्सकों की सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत भी की जाएगी।
घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र ने कोविड टीके की बूस्टर खुराक की अनुमति देने के लिए मेरे सुझाव को स्वीकार कर लिया है और कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को टीकों और बूस्टर खुराक की सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने महामारी के दौरान भारत को विफल किया है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया, मोदी जी ने कोरोनावायरस की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रवासी श्रमिकों को विफल किया, मोदी जी ने पहली और दूसरी लहर के दौरान गरीबों को विफल किया, जब वे गरीबों के हाथ में एक भी पैसा देने में नाकाम रहे, मोदी जी ने छोटे और मझोले व्यवसायों को विफल किया, जब उन्होंने इन क्षेत्रों को अपने हाल पर छोड़ दिया।
सर्वेक्षण का हवाला देते हुए, सुरजेवाला ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कुप्रबंधन के कारण लगभग 40 लाख भारतीयों की मृत्यु हुई। सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ओमिक्रॉन वायरस से मंडराते खतरे के बारे में सरकार पूरी तरह अनभिज्ञ, उदासीन रही। ओमिक्रॉन सहित कोरोनावायरस से निपटने के लिए मोदी नीत सरकार के पास न नीति है, न नीयत, न दृष्टि न रास्ता है। यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं तो और क्या है?
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी के पास बस जिम्मेदारी से बचना, पूरी तरह से भ्रमित होना और टीकाकरण नीति में बार-बार बदलाव करना, टीकाकरण प्रमाण पत्र पर अपनी तस्वीर लगाकर आत्म-प्रचार में व्यस्त रहना और सार्वजनिक रैलियां करने का ही विकल्प है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री राज्यों पर दायित्व डालकर अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह मुक्त हो जाते हैं।
शनिवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के लिए प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए सुरजेवाला ने कहा, कड़वा सच यह है कि 18 साल से अधिक उम्र के 47.95 करोड़ से ज्यादा लोगों को 59.40 करोड़ खुराक दी जानी है। उन्होंने कहा कि अन्य कड़वा सच यह है कि टीके की खुराक कहां है और मोदी नेतृत्व वाली सरकार के अनुसार, उनके पास केवल 17.74 करोड़ खुराक ही उपलब्ध हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा का मतलब होगा कि 25.69 करोड़ लोग 35.7 करोड़ अधिक खुराक के हकदार होंगे। टीके की खुराक की कुल जरूरत 90 करोड़ से अधिक है और पूछा कि टीके कहां हैं। उन्होंने कहा कि भारत की क्षमता प्रति माह टीके की 16.8 करोड़ खुराक का उत्पादन करने की है। सुरजेवाला ने पूछा, तो, कैसे और कब तक, किस तारीख तक इन सभी भारतीयों को ये टीके लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा, समय की मांग है कि प्रधानमंत्री राज धर्म का पालन करें, एक स्पष्ट टीका नीति अपनाएं, 5 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को टीका उपलब्ध कराएं और देश को ओमिक्रॉन वायरस के खतरे से बचाने का उपाय सुझाएं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ओमिक्रॉन के खतरे से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है। शादियों में भीड़ की संख्या को तो 200 तक सीमित कर दिया गया, लेकिन उनकी रैलियों में लाखों लोग आ रहे हैं। पहली लहर में नमस्ते ट्रंप और दूसरी लहर में जन आशीर्वाद यात्रा, पश्चिम बंगाल चुनाव में रैलियां कर लोगों की जान को खतरे में डाला गया। उत्तर प्रदेश में शादियों में 200 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जा रही और प्रधानमंत्री की रैलियों के लिए बसों से दो लाख लोग लाए जाते हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले अनुभव से पता चलता है कि एक बार ब्रिटेन और अमेरिका में वायरस ने जड़ें जमा लीं, तो यह 65 दिनों के भीतर भारत में पहुंच जाता है और 80 दिनों के भीतर यह अपने चरम पर होता है। उन्होंने कहा, ओमिक्रॉन वायरस के मामलों के दोगुना होने की दर भी 1.5 से तीन दिन है। यह एंटीबॉडी को भेद देता है। यह वायरस प्रोटीन स्पाइक बार बार बदलता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अब तक ओमिक्रॉन के 422 मामले आ चुके हैं। इनमें से 130 लोग ठीक हो चुके हैं।(भाषा)