कोरोना को हराने के लिए डॉक्टरों के साथ हमारे पुलिस के जवान भी एक योद्धा की तरह मैदान में डटे हुए है। अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना पुलिसकर्मी 12-14 घंटे की मैराथन डयूटी कर लोगों से अपने घरों में रहने की अपील कर रहे है। लॉकडाउन के समय कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ अब पुलिसकर्मियों की स्पेशल टीम कोरोना संदिग्ध लोगों के रेस्क्यू करने में भी लगी हुई है।
ऐसे समय कोरोना के संक्रमण में दूसरों को बचाने के लिए पुलिस के जवानों के सामने खुद को हाइजीन रखना बड़ा चैलेंज बनकर सामने आया है। जबलपुर एसपी अमित सिंह ने पिछले दिनों खुद कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पुलिसकर्मियों से खुद के हाइजीन का ध्यान रखने की अपील की है। अमित सिंह इसे पुलिसकर्मियों के लिए कठिन परीक्षा बताते हुए कहते हैं कि पुलिस महकमा लगातार जनसेवा के लिए मैदान में तैनात है, ऐसे समय उसके सामने खुद का संक्रमण से बचाए रखना बड़ा चैलेंजे है। उन्होंने खुद पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचने के टिप्स दिए है।
पूरे मध्यप्रदेश में ऐसे कई पुलिसकर्मी है जो शुगर और बीपी के साथ साथ अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित है लेकिन वह संकट के समय मैदानी डयूटी में लगे है। ऐसे में उनपर संक्रमण की चपेट में आने का खतरा लगातार बना हुआ है। इस बीच इंदौर में एक पुलिस अधिकारी के भी कोरोना के संक्रमण में आने के बाद अब चुनौतियां और बढ़ गई है।
लोगों से की भावुक अपील : इस बीच मध्यप्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से भावुक अपील की है। कोरोना को हराने की जंग में तैनात पुलिस कर्मियों की तरफ से लोगों से घर में रहने की अपील करते हुए लिखा है कि मेरे बच्चे भी देख रहे है मेरा रास्ता। इसके साथ एक अन्य पोस्ट में पुलिस का जवान लोगों से अपील करते हुए कह रहा है कि 21 दिन बाद भी यहीं मिलूंगा। आपकी हिफाजत तब भी करुंगा।
गरीबों को पहुंचा रही खाना : इसके साथ ही कोरोना संकट के समय भोपाल पुलिस लोगों की मदद के लिए आगे आई है। शहर का क्राइम ब्रांच थाना इन दिनों रसोई में तब्दील हो गया है। यहां पुलिस के जवान जनसहयोग से ऐसे लोगों के खाना तैयार कर सप्लाई कर रहे है जो भूखे है। पुलिसकर्मी अपनी डयूटी साथ ही उन जरुरतमदों को खाना पहुंचने का काम कर रहे है जो लॉकडाउन के कारण भूखे है या कही फंस गए है। क्राइम ब्रांच थाने में बड़े पैमाने पर गरीब और बेसहारा लोगों के लिए खाना बनाया जा रहा है। थाने में जन सहयोग से हर रोज खाने के हजारों पैकेट तैयार हो रहे है और उनको गरीबों, मजदूरों और जरुरतमदों तक पहुंचाया जा रहा है।