Smart virus: बहुत स्‍पीडी, स्‍मार्ट और रहस्‍यमयी है नया वायरस, इन लक्षणों को न करें अनदेखा!

Webdunia
शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021 (12:40 IST)
देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। कई राज्यों ने कोरोना को रोकने के लिए पाबंदियां लगाई हैं। कुछ राज्यों ने आंशिक प्रतिबंध और नाइट कर्फ्यू का सहारा लिया है, तो कई जगह पर टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है।

आखि‍र क्‍यों भारत में दूसरी लहर इतनी खतरनाक हो गई कि लगातार मौतें हो रही हैं।

स्वास्थ मंत्रालय के मुताब‍िक नया वायरस काफी तेजी से फैल रहा है और अगले चार सप्ताह काफी महत्वपूर्ण हैं।

आखि‍र क्यों तेजी से बढ़ रहा संक्रमण?
लोगों और प्रशासन की लापरवाही और नए वायरस का तेजी से अटैक करना प्रमुख वजहें हैं। सारी समीक्षाओं में यही सामने आया है कि लोगों की लापरवाही और प्रशासन का समय पर नहीं चेतने की वजह से यह सब हुआ है।


क्या बहुत तेज है कोरोना की गति?
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर तेजी से बढ़ी है। गुजरात जैसे राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर सबसे अधिक तबाही मचा रही है, जो दर्शाता है कि यह पहली लहर से काफी अधिक खतरनाक है।

क्या लक्षण बदलकर आया नया संक्रमण?
कोरोना वायरस के नए संक्रमण के लक्षण पुराने से अधिक गंभीर हैं। पुराने लक्षण जैसे खांसी, बुखार, गले में तकलीफ के साथ नया वायरस अन्य लक्षण भी लेकर आया है। अस्पतालों में भर्ती हो रहे मरीजों के पड़ताल से इसकी जानकारी मिली है। नए लक्षण में वायरल बुखार के साथ पेट में दर्द, उल्टी व दस्त, घबराहट, सर्दी-जुकाम आदि शामिल हैं। कई मरीजों को बदन में दर्द, गैस, भूख न लगना, मांसपेशियों में अकड़न जैसी शिकायतें भी हैं।

क्‍या वायरस बहुत स्‍मार्ट है?
कोरोना के ज्यादातर मामलों में अब भी न के बराबर या काफी हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं। समय के साथ-साथ वायरस ने अपना रूप बदल लिया है। इस बार यह ज्‍यादा स्‍मार्ट है। और अधिक घातक हो गया है। जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है, उन पर इसका कहर ज्‍यादा है।

एसिडि‍टी को न करें अनदेखा
नए मामलों में पेट में एसिडिटी या गैस की शिकायत काफी हो रही है। पहले इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था, मगर अब डॉक्टर इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं। कई डॉक्टर्स का मानना है कि अपच, डायरिया, पेट में दर्द और उल्टी आदि के चलते मरीजों में गैस की शिकायतें बढ़ रही हैं।

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