मुंबई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), यह जानने के लिए मुंबई में एक अध्ययन करवाएगा कि क्या टीबी के टीके (बीसीजी) से बुजुर्गों में कोविड-19 होने से रोका जा सकता है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बीएमसी ने कहा कि सेठ जी एस मेडिकल कालेज, निकाय द्वारा संचालित केईएम अस्पताल और बीएमसी का जन स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से आईसीएमआर के लिए इस अध्ययन में भाग लेंगे। अध्ययन में बीमारी की तीव्रता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास पर अनुसंधान किया जाएगा।
उसने कहा कि ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनसे पता चलता है कि बच्चों को टीबी की बीमारी से बचाने के लिए दिया जाने वाला बीसीजी का टीका, श्वास नली के अन्य संक्रमण और वायरस जनित बिमारियों से बचाव में भी कारगर है।
बीएमसी के अनुसार अध्ययन में 60 से 75 वर्षीय ऐसे बुजुर्गों को शामिल किया जाएगा जो कभी कोविड-19 से ग्रस्त नहीं हुए और जिन्हें कैंसर नहीं हैं तथा उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर नहीं है।
मुंबई में कोविड-19 का प्रबंधन संभाल रही बीएमसी ने कहा, ‘बीसीजी टीके ने बुजुर्गों को उम्मीद बंधाई है और यदि यह टीका प्रभावी सिद्ध हुआ तो इससे वयोवृद्ध लोगों की जनसंख्या में बीमारी होने और उससे मौत होने की दर कम होगी।‘
बीएमसी ने कहा, ‘ट्रायल में 250 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है और आवश्यकता पड़ने पर यह संख्या बढ़ भी सकती है।‘
निकाय संस्था ने कहा कि ट्रायल में भाग लेने वाले व्यक्तियों की सहमति लेने के बाद उन पर बीसीजी टीके का परीक्षण किया जाएगा और उसके बाद उन्हें 9 महीने तक निगरानी में रखा
जाएगा। आईसीएमआर इस प्रकार के अध्ययन चेन्नई, अहमदाबाद, भोपाल, जोधपुर और नई दिल्ली में कर चुका है। (भाषा)