मुंबई। शव वाहन में सहायक न मिलने पर एक कोविड-19 मृतक के 2 बेटों को पीपीई किट पहनने पर मजबूर होना पड़ा और यहां पूर्वी घाटकोपर बस्ती में शवदाहगृह तक खुद ही पिता का शव लेकर पहुंचे। अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि घाटकोपर के गणेश नगर इलाके के एक बुजुर्ग डॉक्टर की रविवार रात हिन्दू महासभा अस्पताल में कोविड-19 से मौत हो गई थी।
उन्होंने बताया कि संक्रमित डॉक्टर को शनिवार रात अस्पताल के कोविड-19 देखभाल केंद्र में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ गई और रविवार को संक्रमण से उनकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि मृतक का एक बेटा जो खुद भी एक डॉक्टर है, ने फिर शव ले जाने वाले वाहन की व्यवस्था करने की कोशिश की लेकिन सोमवार तड़के तक कोई वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे स्थानीय पार्षद अर्चना भालेराव को फोन करना पड़ा।
हालांकि जब वाहन पहुंचा तो उसमें शव को रखने और बाद में उसे श्मशान घाट तक ले जाने के लिए कोई सहायक नहीं था।
अधिकारी ने बताया कि मानक प्रक्रिया के अनुसार एक सहायक को शव वाहन और बाद में श्मशान घाट के भीतर शव को ले जाने के लिए पीपीई किट पहननी होती है।
उन्होंने बताया कि कोई समाधान न दिखने पर मृतक के बेटों ने अपने दोस्त और वाहन चालक के साथ पीपीई किट पहनी और शव को श्मशान घाट ले गए, जहां सुबह 10 बजे अंतिम संस्कार किया गया। (भाषा) (सांकेतिक चित्र)