उन्होंने ट्वीट किया, कोविड मामलों में अचानक वृद्धि का संज्ञान लेते हुए, दिल्ली सरकार के सभी अस्पताल अपने परिसर में टीकाकरण स्थलों का संचालन कम से कम रात नौ बजे तक करेंगे। इसे सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया जाएगा। मैं दिल्लीवासियों को उचित दिशानिर्देशों का पालन करने और सुरक्षित रहने का अनुरोध करता हूं।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इस फैसले की घोषणा की थी।
यह मानते हुए कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं, केजरीवाल ने कहा था कि यह चिंतित होने की बात नहीं है, क्योंकि उन्होंने घोषणा की है कि दिल्ली में दैनिक टीकाकरण की क्षमता को 30,000-40,000 से बढ़ाकर 1.25 लाख खुराक की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा था कि सरकारी और निजी, दोनों तरह के टीकाकरण केंद्रों की संख्या दोगुनी की जाएगी। उनकी संख्या करीब 500 से बढ़ाकर 1,000 की जाएगी। टीकाकरण का समय सुबह नौ से शाम पांच बजे के बजाए अब सुबह नौ बजे से लेकर रात नौ बजे तक होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में गुरुवार को कोविड-19 के 607 नए मामले आए, जो ढाई महीने में सबसे अधिक है, जबकि एक और मौत होने से राष्ट्रीय राजधानी में मृतकों की संख्या 10,949 हो गई। महानगर में अब तक संक्रमण के कुल 6,45,632 मामले आ चुके हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 2,924 हो गई है। अब तक 6.31 लाख लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
केन्द्र सरकार से अपील : सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से भी अपील करना चाहता हूं कि अभी उन्होंने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, वे बहुत ज्यादा सख्त हैं, जिसकी वजह से नए सेंटर खोलने में दिक्कत हो रही है। अब तो वैक्सीन लगाने का हमारा 2 महीने का अनुभव हो गया है। इस आधार पर हम केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिख रहे हैं कि मानदंडों में थोड़ी राहत दी जाए, ताकि और ज्यादा सेंटर खोल कर उसमें वैक्सीन लगाई जा सके। हम सभी हिदायतें बरतेंगे। किसी के ऊपर किसी तरह की आंच नहीं आने देंगे, लेकिन जो शुरुआत में सुरक्षा के उपाय लिए थे, अब उसमें थोड़ी ढील कर दी जाए। इससे नए सेंटर खोलने में हम लोगों को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ सेंटर ऐसे भी हैं, जो 24 घंटे चल रहे हैं। इसके अलावा भी कई अन्य सेंटर को 24 घंटे चलने की अनुमति प्रदान करेंगे। केंद्र सरकार से अपील करना चाहता हूं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि एक तरफ हमारे देश ने वैक्सीन बनाने में इतनी बड़ी लीड ली है, हमारे डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने इतना अच्छा काम किया और दूसरी तरफ, अगर देश के अंदर कोरोना केस बढ़ गए, तो यह बात हजम नहीं होती। अभी जो इतना कड़ा प्रतिबंध किया हुआ है कि 60 साल के ऊपर और 45 साल से ऊपर जिनको कोमोरबिडिटी है, उनको ही वैक्सीन वाले लगाएंगे। यह बहुत ज्यादा सख्त नियम है कि कौन वैक्सीन लगवा सकते हैं और कौन नहीं लगवा सकते हैं।