कोरोना महामारी ने सरहदों की सीमाओं को तोड़ दिया है, पूरा विश्व एकजुट होकर महामारी से लड़ रहा है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी कोरोना महामारी ने अपना आतंक मचा रखा है। कोरोना से जूझ रहे पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अपने नागरिकों के इलाज के लिए भारत से जीवन रक्षक दवाईयों को देने की गुहार लगाई है। पाकिस्तान एक तरफ दवाओं के लिए भारत से मदद मांग रहा हैं तो दूसरी ओर वहां के नागरिक भी कोरोना के डर को दूर भागने के लिए भारत के डॉक्टरों की मदद मांग रहे है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बंसल हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी के पास पाकिस्तान से एक व्यक्ति ने फोन के माध्यम से चिकित्सीय सलाह मांगी। वेबदुनिया से खास बातचीत में डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि पहले जब कॉल आया तो वह थोड़ा झिझके लेकिन जब कॉल करने वाले शख्स ने अपना परिचय देते हुए टेलीमेडिसिन के जरिए उनसे चिकित्सीय सलाह मांगी तो उन्होंने अपने चिकित्सीय कर्तव्य का निर्वाहन करते हुए उसकी मदद की।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर सत्यकांत इस पूरी घटना का विस्तार से बताते हुए कहते हैं कि रविवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के विहाडी जिले के भूरेवाल के रहने वाले शख्स इकबाल (बदला हुआ नाम ) जो पहले से ही एंजाइटी डिसआर्डर से जूझ रहे थे उनको इन दिनों हर समय कोरोना संक्रमण की चपेट में आने का डर सता रहा था, जिसके चलते उन्होंने कई स्थानीय डॉक्टरों के संपर्क किया लेकिन जब उनको आराम नहीं मिला तो उन्होंने गूगल और सोशल मीडिया पर अपनी बीमारी के बारे में सर्च किया और उनसे संपर्क किया।
कोरोना काल में मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी जो लोगों को मानसिक तनाव से मुक्त रखने और लोगों को मनोवैज्ञानिक तरीके से कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए लगातार जागरूक कर रहे थे वह कहते हैं कि प्राचीनकाल से यहां तक कि रामायण में भी लक्ष्मण जी का इलाज लंका के राजवैद्य ने किया। आज जब पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुश्किल घड़ी में पूरा विश्व की मदद के लिए आगे आकर खड़े हुए है तब उन्होंने भी पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्ति की मदद कर अपना धर्म निभाया है।