भोपाल। कोरोना महामारी के इलाज के लिए अब तक कोई टीका या वैक्सीन की खोज नहीं हो सकी है। हाल में ही इजरायल समेत कुछ देशों ने वैक्सीन बनाने का दावा भले ही किया हो लेकिन अभी उनका कसौटी पर खरा उतरना बाकी है। ऐसे में कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल WHO की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने-अपने तरीके से इलाज कर रहा है।
चिरायु अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर अजय गोयनका कहते हैं कि अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज आक्सीजन थैरेपी से किया जाता है। वह कहते हैं कि अस्पताल में बेहतर सुविधाओं के साथ अर्ली ऑक्सीजन थैरेपी से सभी मरीजों का सफल इलाज किया गया है जिसमें हमें बहुत अच्छे नतीजें मिले है और मरीजों का रिकवरी रेट अच्छा है। अब तक अस्पताल में इलाज के लिए आए 700 मरीजों में से 400 अधिक मरीजों का सफल इलाज किया जा चुका है।
कोरोना के खिलाफ जंग जीतकर लौटे भोपाल के पत्रकार जुगल किशोर शर्मा भी उन लोगों में से एक है जिनका इलाज ऑक्सीजन थैरेपी के जरिए हुआ। जुगल बताते हैं कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वह पहले एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए, जहां पर शुरुआती उपचार के बाद वह चिरायु अस्पताल में शिफ्ट हो गए।
चिरायु अस्पताल में शिफ्ट होते ही जांच में उनको कोरोना के संक्रमण का फेफड़े तक पहुंचने का पता लगा जिससे वह पहले तो थोड़ा चिंतित हो गए, लेकिन इसके बाद अस्पताल के डायरेक्टर अजय गोयनका और अन्य डॉक्टरों ने उनको ऑक्सीजन थैरेपी के बारे में बताया और उनका इलाज शुरु किया। जुगल कहते हैं कि सात दिन तक उनको 18-18 घंटे आक्सीजन दी जाती थी जिससे फेफड़े पर पहुंचा संक्रमण पूरी तरह खत्म हो जाए। आज जुगल अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 14 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद वापस अपनी ड्यूटी को ज्वाइन कर लिया है। कोरोना से एक योद्धा की तरह लड़ने वाले जुगल ऑक्सीजन थैरेपी को बहुत कारगर बताते है। जुगल कहते हैं अगर कोरोना संक्रमण फेपेड़ों तक नहीं पहुंचे तो वकाई यह साधारण सर्दी जुकाम से अधिक कुछ नहीं है।